September 24, 2024

रोटी के बाद अब दाल भी महंगी! छह महीने में 10 फीसदी तक बढ़ी अरहर और उरद दाल की कीमतें

आपके थाली की दाल फिर से महंगी हो रही है. हाल के दिनों में अरहर दाल के दामों में तेजी देखी देखने को मिली है. खुद सरकार के आंकड़े भी इस बात की गवाही दे रहे हैं. सरकारी डाटा के मुताबिक बीते छह महीने में दाल की कीमतों में 10 फीसदी का उछाल आया है. अरहर और उरद दाल की कीमतों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली है.

अरहर-उरद दाल की बढ़ी कीमतें 

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के डाटा के मुताबिक 29 दिसंबर को अरहर या टूअर दाल की औसत कीमतें 111.9 रुपये प्रति किलो पर जा पहुंचा है जो एक जून 2022 को 102.87 रुपये किलो था. मोडल प्राइस अब 110 रुपये प्रति किलो है जो एक जून तो 100 रुपये प्रति किलो था.भारत में सबसे ज्यादा लोग अरहर दाल खाना पसंद करते हैं.  उरद दाल की कीमतों में भी इस अवधि में उछाल देखने को मिला है. 29 दिसंबर,2022 को सरकारी डाटा के मुताबिक उरद दाल की मोडल प्राइस यानि औसतन कीमतें 110 रुपये प्रति किलो है जो एक जून 2022 को 100 रुपये प्रति किलो में मिल रहा था. यानि छह महीने में 10 फीसदी सरकारी डाटा के मुताबिक कीमतें बढ़ी है.  नवंबर महीने में दालों की महंगाई 3.15 फीसदी रही थी.

सरकार ने उठाया ये कदम

अरहर और उरद दालों के दामों पर नियत्रंण रखने के लिए सरकार ने इन दोनों दालों के लिए फ्री-इंपोर्ट पॉलिसी को 31 अगस्त 2024 के लिए एक्सटेंड कर दिया है. इस पॉलिसी के तहत बिना किसी बंदिशें के बगैर दालों का आयात किया जा सकेगा. एक अनुमान के मुताबिक भारत अपने खपत का 15 फीसदी दाल आयात करता है.

विदेशों से किया जा रहा आयात 

2021-22 में 2 मिलियन टन दाल का आयात किया गया था. द्विपक्षीय समझौते के तहत भारत ने 0.25 मिलियन टन उरद दाल और 0.1 मिलियन टन अरहर दाल मयांमार से आयात करने का आश्वासन दिया है. भारत मौजांबिक से भी अरहर दाल आयात कर रहा है. इसके अलावा मालावी से भी अरहर दाल इंपोर्ट किया जा सकेगा जिससे घेरलू बाजार में कीमतों पर काबू रखा जा सके. गौरतलब है कि 2016 में अरहर दाल की कीमतें 200 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंचा था.


WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com