पंजाब के किसानों को मिली सौगात: गन्ने के रेट में बढ़ोतरी, डीएसआर पर वित्तीय मदद और फसल अवशेष प्रबंधन में रिकॉर्ड सुधार

फसली विविधता, बासमती निर्यात को बढ़ावा, और पराली जलाने की घटनाओं में 70% की कमी के साथ पंजाब सरकार ने कृषि क्षेत्र को दिया नया आयाम।
चंडीगढ़, 28 दिसंबर : पंजाब सरकार ने प्रदेश के किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को समृद्ध बनाने के लिए कई नई पहलें की हैं। पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि किसानों को फसली विविधता अपनाने, गन्ने के बेहतर मूल्य, डीएसआर तकनीक, मुफ्त बिजली और पराली प्रबंधन में मदद के लिए सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं।
गन्ने के रेट में बढ़ोतरी:
पंजाब सरकार ने गन्ने के स्टेट एग्रीड प्राइस (SAP) में 10 रुपये की वृद्धि कर 401 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जो देशभर में सबसे अधिक है। सहकारी चीनी मिलों का भुगतान भी क्लियर किया गया है, जिससे 2024-25 में गन्ने की खेती में 5000 हेक्टेयर का इजाफा हुआ है।
धान की सीधी बुआई (DSR):
भूजल संरक्षण के लिए धान की सीधी बुआई करने वाले किसानों को सरकार 1500 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता दे रही है। 2024 में DSR तकनीक से 2.53 लाख एकड़ क्षेत्र में बुआई की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 48.8% अधिक है।
फसली विविधता और बासमती उत्पादन:
पंजाब में बासमती की खेती में 14% वृद्धि दर्ज की गई है। इस वर्ष 6.80 लाख हेक्टेयर में बासमती की बुआई हुई। सरकार ने बासमती पर 10 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाकर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने का कदम उठाया है। बासमती एक्सटेंशन-रिसर्च सेंटर और रेजिड्यू टेस्टिंग लैब की स्थापना से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
मक्के की खेती पर जोर:
मक्के की खेती को बढ़ावा देने के लिए हाइब्रिड बीजों पर 100 रुपये प्रति किलोग्राम सब्सिडी दी गई है। 3500 हेक्टेयर में मक्के की प्रदर्शनियां लगाई गईं, जिसमें किसानों को 6000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता दी गई।
पराली प्रबंधन में सफलता:
फसली अवशेष प्रबंधन (CRM) के तहत किसानों और ग्राम पंचायतों को मशीनों पर 80% सब्सिडी दी जा रही है। इस वर्ष 16,000 सीआरएम मशीनें प्रदान की गईं, जिससे पराली जलाने की घटनाओं में 70% कमी आई है।