राहुल गांधी के किसान आन्दोलन का आज दूसरा दिन, संगरूर और पटियाला में करेंगे रैली
कृषि कानूनों पर पंजाब की सियासत गर्म है। कांग्रेस समेत 31 किसान यूनियन इन कानूनों का विरोध कर रहे है। वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नेता राहुल गांधी के किसान आन्दोलन का आज दूसरा दिन है। राहुल गांधी आज संगरूर और पटियाला में किसानों के समर्थन में रैली करेंगे। आज संगरूर के बरनाला चौक से रोड शो की शुरुआत होगी। राहुल गांधी भवानीगढ़ में भी करेंगे जनसभा को संबोधित। साथ ही उनका कार्यक्रम फतेहगढ़ छाना और बाहमना में भी होगा। राहुल गांधी पटियाला के समाना की अनाज मंडी में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। वहीं कल राहुल गांधी पटियाला के दूधन साधा में जनसभा करेंगे। कल ही पिहोवा सीमा से होते हुए कांग्रेस का रोड शो हरियाणा में प्रवेश।
इससे पहले कल यानी रविवार को राहुल गांधी ने पंजाब के मोगा में ट्रैक्टर रैली की शुरुआत की। इस रैली में राहुल गांधी के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़, पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत, नवजोत सिंह सिद्धू, वित्त मंत्री मनप्रीत बादल, हरियाणा के राज्यसभा सदस्य दीपेंदर हुड्डा समेत कई नेता मौजूद रहे।
मोगा में एक रैली के संबोधित करते हुए राहुल गांधी केंद्र सरकार पर जोरदार हमला किया। राहुल गांधी ने कृषि कानूनों को किसानों के साथ धोखा करार दिया। उन्होंने कहा कि ‘इन कानूनों की मदद से 23 अरबपतियों की नजर किसानों की जमीन और फसल पर है। वर्तमान सिस्टम में कुछ खामियां हैं। इन्हें बदलने की आवश्यकता है, लेकिन इसे नष्ट करने की जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे नष्ट करना चाहते हैं। आपकी जमीन और आपका पैसा हिंदुस्तान के 2-3 सबसे अरबपति चाहते हैं। पुराने जमाने में कठपुतली का खेल होता था। पीछे से कोई उसे चलाता था। उन्होंने कहा कि हम किसानों के साथ खड़े हैं और एक इंड भी पीछे नहीं हटेंगे।’
राहुल गांधी ने कहा कि ‘किसानों के लिए कानून बनाए जा रहे हैं तो आपको खुलकर बात करनी चाहिए। किसान खुश है तो आंदोलन क्यों कर रहे हैं। 6 साल से नरेंद्र मोदी झूठ बोल रहे हैं। पहले नोटबंदी फिर जीएसटी और उसके बाद कोविड आया उद्योगपतियों का कर माफ किया गया, किसान का कर्ज माफ नहीं किया गया।’
आपको बता दे कि राहुल गांधी ‘खेती बचाओ यात्रा’ के तहत राज्य में कई जगह किसानों के साथ जनसभा आयोजित करेंगे। इस अभियान का उद्देश्य कृषि कानून पर कांग्रेस के रुख को मजबूती से रखना है। विपक्षी दलों के विरोध के बीच पिछले कृषि कानूनों को संसद की मंजूरी मिल गई थी।