पुतिन ने की पीएम मोदी की तारीफ, ‘मेक इन इंडिया’ कॉन्सेप्ट को भी सराहा, कहा- दिख रहा अच्छा असर
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। साथ ही उन्होंने पीएम मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ कॉन्सेप्ट की भी तारीफ की और कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल का भारतीय अर्थव्यवस्था पर वास्तव में प्रभावशाली प्रभाव पड़ा है।
रूसी टेलीविजन नेटवर्क आरटी की रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन मॉस्को में रूस की एजेंसी फॉर स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स (एएसआई) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। पुतिन ने भारत को ऐसे देश का उदाहरण बताया है जो कंपनियों को स्थानीय स्तर पर उत्पादों के विकास, निर्माण और संयोजन के लिए प्रोत्साहित करता है।
When Putin gives example of Prime Minister Modi’s ‘Make in India’ and the impact it has had on India’s economic fortunes… pic.twitter.com/JnqE7sXvRw
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) June 29, 2023
इंडिया’ पहल शुरू की थी। इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर वास्तव में प्रभावशाली प्रभाव पड़ा है। जो अच्छा काम कर रहा है उसका अनुकरण करने से कोई नुकसान नहीं होगा, भले ही इसे बनाने वाले हम नहीं बल्कि हमारे दोस्त हों।
रूस में घरेलू उत्पादों और ब्रांडों को प्रोत्साहित करने के लिए भारत का उदाहरण देते हुए व्लादिमीर पुतिन ने ये बातें कही। उन्होंने स्थानीय विनिर्माण क्षमताओं को विकसित करने और विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए एक प्रभावी मॉडल बनाने की भारत की पहल की सराहना की।
मेक इन इंडिया कॉन्सेप्ट का कितना असर?
पीएम मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ कॉन्सेप्ट का असर इस बात से समझा जा सकता है कि विदेशों से हथियार खरीदने के बजाए भारत उसकी तकनीक खरीदता है। तकनीक खरीदने के बाद हथियारों का निर्माण देश में ही किया जाता है जिससे लोगों को रोजगार मिलता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में रक्षा निर्यात 16,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है, जो 2016-17 की तुलना में 10 गुना ज्यादा है। भारत अब 85 से ज्यादा देशों में हथियार निर्यात कर रहा है।
2014 में शुरू की गई थी मेक इन इंडिया पहल
सितंबर 2014 में वैश्विक स्तर पर ‘मेक इन इंडिया’ पहल शुरू की गई थी। इस पहल का उद्देश्य भारत को सबसे पसंदीदा वैश्विक विनिर्माण गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना है।
विदेश मंत्रालय (एमईए) के अनुसार, ‘मेक इन इंडिया’ पहल का उद्देश्य भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक अभिन्न अंग बनाना है। यह भारतीय कंपनियों को वैश्विक कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट बनाने के बारे में है।