बद्री-केदार मन्दिर समिति के सीईओ की नियुक्ति पर सवाल
बद्री-केदार मन्दिर समिति के सीईओ की नियुक्ति पर सवाल
– क्या विजय थपलियाल की नियुक्ति में हुई सेवा नियमावली की अनदेखी.?
– पत्र सचिव एसची सेमवाल के नाम पर जारी, बोले, आज देखूंगा फाइल
गुणानंद जखमोला
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का विवादों से नाता नहीं छूट रहा है। अब यह समिति नये सीईओ विजय थपलियाल की नियुक्ति को लेकर चर्चा में है। नई सेवा नियमावली के मुताबिक सीईओ पद पर राजपत्रित अफसर की ही तैनाती किये जाने का प्रावधान है। इसे कैबिनेट ने भी पास कर दिया था। इसके तहत सीईओ पद पर राजपत्रित अफसर और एसीईओ पद पर पीसीएस अफसर की तैनाती की जानी है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस नियुक्ति में सीएम धामी के आदेशों की अनदेखी की गयी है?
समिति में सवाल यह उठ रहे है कि विजय थपलियाल का भले ही ग्रेड पे 6600 हो लेकिन वो प्रथम श्रेणी के राजपत्रित अफसर नहीं हैं। वो मंडी परिषद के सचिव रहे है और उनका चयन समूह ग से हुआ है। समिति के सूत्रों का कहना है कि सीईओ यदि राजपत्रित नहीं होगा तो अतिरिक्त मुख्य कार्याधिकारी के तौर पर कोई पीसीएस अफसर कैसे उनके अधीन काम करेगा?
थपलियाल को मन्दिर समिति का सीईओ नियुक्त करने से मन्दिर समिति को कई प्रकार के अंतर्विरोधों का सामना करना पड़ रहा है। थपलियाल की कनिष्ठता को देखते हुए अपर मुख्य कार्याधिकारी के पद पर कोई भी पीसीएस अफसर आने को तैयार नहीं है। मंदिर समिति में वर्तमान में मुख्य वित्त अधिकारी के पद पर तैनात अधिकारी प्रदेश वित्त सेवा के अधिकारी हैं और थपलियाल से कई स्तर ऊपर हैं। इसी प्रकार समिति के विशेष कार्याधिकारी सचिवालय में अनु सचिव स्तर के अधिकारी हैं।
धर्मस्व व संस्कृति विभाग के सचिव हरिश्चंद्र सेमवाल ने विगत माह 29 जुलाई को 3 वर्ष के लिए थपलियाल को प्रति नियुक्ति पर सीईओ नियुक्त करने के आदेश जारी किए। बताया जाता है कि मंडी परिषद से उनको एनओसी भी दो बार लेनी पड़ी।
मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय के अनुसार सेवा नियमावली का पालन करना और देखना धर्मस्व व संस्कृति विभाग का काम है। धर्मस्व विभाग ही इस बारे में बता सकता है। विजय थपलियाल के आदेश विभागीय सचिव एससी सेमवाल के नाम से जारी हुए हैं। इस संबंध में मैंने कल विभाग के सचिव हरिचंद्र सेमवाल से बात की तो उन्होंने बताया कि वह बीमार थे, कल यानी आज आफिस जाकर ही फाइल देखकर ही बताएंगे।