व्यवस्था पर सवालः टीचर रहे गैरहाजिर, छात्र-छात्राओं ने खुद पेपर व उत्तर पुस्तिकाएं बांटी और दे डाली परीक्षा
टिहरी। सरकारी शिक्षा व्यवस्था की बदहाली का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है कि विद्यालय में पढ़ाने के लिए तो छोड़िए, परीक्षा संपन्न कराने के लिए भी शिक्षक न हो। इसकी बानगी टिहरी जिले के जाखणीधार ब्लाक के जूनियर हाईस्कूल नेल्डा में तब देखने को मिली, जब शिक्षकों की मौजूदगी के बिना ही 18 छात्र-छात्राओं ने गणित व कला विषय की परीक्षा दे दी। हैरत देखिए कि विद्यालय में तैनात दो में एक भी शिक्षक परीक्षा कराने के लिए मौजूद नहीं था। हालांकि, अब शिक्षा विभाग लापरवाह शिक्षकों के विरुद्ध कार्यवाही और परीक्षा को दोबारा आयोजित कराने की बात कह रहा है।
जाखणीधार ब्लाक के जूनियर हाईस्कूल नेल्डा में इन दिनों अर्धवार्षिक परीक्षा चल रही है। बुधवार को छठी से आठवीं कक्षा तक छात्र-छात्राओं की गणित व कला विषय की परीक्षा होनी थी, लेकिन कोई भी शिक्षक विद्यालय नहीं पहुंचा। ऐसे में बच्चे स्वयं ही प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिकाएं बांटकर परीक्षा देने लगे।
प्रश्नपत्र हल करने के बाद बच्चे घर भी लौट गए, लेकिन शिक्षकों ने फिर भी विद्यालय पहुंचना जरूरी नहीं समझा। इस विद्यालय में प्रधानाध्यापक प्रमोद रावत के अलावा एक महिला शिक्षक बीरू देवी भी तैनात है। प्रधानाध्यापक से जब अनुपस्थित रहने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य अचानक खराब होने के कारण वह अस्पताल चले गए थे। वहीं, शिक्षक बीरू देवी जूनियर हाईस्कूल समणगांव से स्थानांतरण के बाद नेल्डा में ज्वाइनिंग भी दे दी है, लेकिन सेवा समणगांव में ही दे रही हैं।
प्रधान, ग्राम पंचायत नेल्डा मनोहर लाल ने कहा कि जूनियर हाईस्कूल नेल्डा में दो शिक्षक होने के बावजूद बच्चों को बिना शिक्षा के परीक्षा देनी पड़ रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है और इससे शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होते हैं। इस मामले में सख्ती बरती जानी चाहिए।
खंड शिक्षा अधिकारी, जाखणीधार मोनिका बाम ने कहा कि जानकारी मिली है कि विद्यालय में कोई भी शिक्षक नहीं था। हालांकि, हमने पास ही के प्राथमिक विद्याल से एक शिक्षक को व्यवस्था पर नेल्डा भेजा था, लेकिन वह भी परीक्षा कराने नहीं पहुंचे। उनसे स्पष्टीकरण तलब किया गया है। परीक्षा भी दोबारा से करवाई जाएगी।
जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा), टिहरी वीके ढौंडियाल ने कहा कि मेरे संज्ञान में भी यह मामला आया है। अगर सचमुच ऐसा हुआ है तो यह गंभीर लापरवाही है। इस मामले की जांच करवाई जाएगी।