कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सचिन पायलट, ‘फेरबदल’ और यूपी विधानसभा चुनावों पर कर सकते हैं चर्चा
राजस्थान में सियासी हलचल जारी है. राजस्थान को लेकर दिल्ली में चल रही सियासी सरगर्मियों के बीच प्रदेश के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने पहुंच गए हैं.बताया जा रहा है इस दौरान वो राजस्थान और यूपी विधानसभा चुनावों पर चर्चा कर सकते हैं. वहीं प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार पर सोनिया गांधी से गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी मुलाकात की थी.
बता दें कि कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को उत्तर प्रदेश चुनाव में पार्टी का वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. ऐसे में उनके पास संगठन और पार्टी की चुनावी मशीनरी से समन्वय की बड़ी जिम्मेदारी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पिछले एक महीने में चार बार उत्तर प्रदेश जा चुके हैं.बताया जा रहा है, इस बैठक में चुनाव पूर्व गठबंधन की संभावना पर भी बात होगी.उन्होंने शुक्रवार सुबह ही 10 जनपथ पहुंचकर सबसे पहले कांग्रेस महासचिव और यूपी में पार्टी का चेहरा बनकर उभरीं प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की.
तीन पुराने चेहरों को हटाने की उम्मीद
सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिल्ली दौरे और शीर्ष नेताओं से मुलाकात के साथ ही राजस्थान में लंबे समय से प्रस्तावित मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर एक बार फिर अटकलें तेज हो चुकी हैं. माना जा रहा है कि जल्द ही राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल पर भी निर्णय हो जाएगा. बता दें कि 17 दिसंबर को गहलोत सरकार का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो जाएगा. इस तीन साल में मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबदल नहीं होने के पीछे पार्टी की खींचतान का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है.
सूत्रों के अनुसार आठ से बारह नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी और तीन पुराने चेहरों को हटाया जा सकता है. इसमें पायलट खेमे के 4 चेहरे मन्त्रिमण्डल में शामिल होंगे. दरअसल, गहलोत सरकार में अभी 9 जगह खाली है. प्रदेश में कुल 30 मंत्री बन सकते हैं. अभी मुख्यमंत्री सहित 21 हैं, कम से कम 9 मंत्री और बन सकते हैं. एक व्यक्ति एक पद को आधार बनाया गया तो 3 जगह और खाली हो सकती हैं. गहलोत मंत्रिमंडल का सरकार बनने के बाद अभी एक बार भी विस्तार नहीं हुआ है.
राजस्थान कैबिनेट में गहलोत और पायलट में खींचतान
सचिन पायलट खुलकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने मैदान में आ गए हैं. वहीं अब इस मामले को लेकर दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के दरबार में पहुंचे गहलोत ने कल कहा था कि राज्य कैबिनेट में किसी भी तरह के फेरबेदल का अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान को ही लेना है और जो भी फैसला लिया जाएगा वह उन्हें मंजूर होगा.बता दें कि राजस्थान कैबिनेट में काफी समय से गहलोत और पायलट में खींचतान चल रही है. पायलट लगातार कोशिश कर रहे हैं कि उनके करीबी और समर्थकों को कैबिनेट में शामिल किया जाए. इसके साथ ही ऐसा कहा भी जा रहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी कैबिनेट में अपने ही करीबियों को शामिल किया हुआ है.