रवनीत बिट्टू के बयान से गरमाई सियासत, अकाली दल ने किया तीखा पलटवार

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फतेहगढ़ साहिब: केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के बयान पर शिरोमणि अकाली दल ने जमकर निशाना साधा है। बिट्टू द्वारा सुखबीर बादल पर हमला करने वाले नारायण सिंह चौड़ा को भावनात्मक कहने और सम्मानित करने पर अकाली दल ने इसे दोहरी नीति करार दिया है। अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने बिट्टू पर तीखा वार करते हुए कहा कि बंदी सिखों की रिहाई के मामले में बिट्टू हमेशा विरोध जताते हैं, लेकिन अब चौड़ा जैसे आरोपी का समर्थन कर रहे हैं।

अकाली दल का पलटवार: “बिट्टू अपनी दोहरी मानसिकता साफ करें”

शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि बंदी सिंहों का बेअंत सिंह से कोई निजी झगड़ा नहीं था। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “जब बंदी सिखों की रिहाई का मुद्दा आता है, तो रवनीत बिट्टू प्रधानमंत्री के पास जाकर विरोध करते हैं। लेकिन नारायण सिंह चौड़ा, जो दरबार साहिब पर हमले और अन्य आपराधिक गतिविधियों के आरोपी हैं, उनके प्रति भावनात्मक रवैया क्यों?”

चीमा ने आगे कहा, “बिट्टू चाहें तो चौड़ा की तस्वीर अपने कमरे में लगाएं, लेकिन बंदी सिखों को चौड़ा जैसे लोगों से जोड़ना गलत है।”

क्या है पूरा विवाद?

रवनीत बिट्टू ने हाल ही में बयान दिया था कि जिस तरह अकाली दल बंदी सिखों की रिहाई की बात करता है, उसी तरह नारायण सिंह चौड़ा को भी समझना चाहिए क्योंकि वह सुखबीर बादल पर कथित बेअदबी के आरोपों को लेकर भावुक हो गए थे।

धार्मिक सेवा के दौरान अकाली दल के बड़े नेता मौजूद

आज पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, बिक्रम सिंह मजीठिया, हरसिमरत कौर बादल, दलजीत सिंह चीमा, और अन्य अकाली नेता फतेहगढ़ साहिब पहुंचे। उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा दिए गए धार्मिक दंड के तहत अपनी सेवा निभाई।