आम आदमी को नहीं मिली कोई राहत, रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में फिर नहीं किया कोई बदलाव
महंगाई से परेशान आम लोगों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कोई राहत नहीं दी है। रिजर्व बैंक ने व्याज दरों में फिर कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह 9वां मौका है जब रिजर्व बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।
CPI inflation is projected at 5.3% in 2021-22. This consists of 5.1% in Q3, and 5.7% in Q4 with risk broadly balanced: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/AYRezymkko
— ANI (@ANI) December 8, 2021
शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक बाजारों में कोरोना महामारी के चलते बहुत सी चुनौतियां आई हैं और भारत के सामने भी बहुत से चैलेंज रहे हैं जिनका सामना करने में आरबीआई ने अहम भूमिका निभाने की कोशिश की है। अब हम कोरोना से निपटने के लिए पहले से बेहतर स्थिति में हैं।
Price pressures may persist in the immediate term. Vegetable prices are expected to see a seasonal correction with winter arrivals in view of bright prospects for Rabi crops: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/GH3nk941mI
— ANI (@ANI) December 8, 2021
साथ ही उन्होंने कहा कि देश में अभी भी निजी निवेश में तेजी लाने की जरूरत है। देश के कुछ हिस्सों में आई प्राकृतिक आपदाओं के चलते भी राज्यों से आने वाले राजस्व पर असर पड़ा है। वित्त वर्ष 2022 में आर्थिक विकास दर 9.5 फीसदी पर रह सकती है। इस समय की स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि भारतीय इकोनॉमी बेहतर स्थिति में है और देश कोरोना से लड़ने के लिए भी बेहतर स्थिति में है।
The projection for real GDP growth is retained at 9.5% in 2021-22, consisting of 6.6% in Q3, & 6% in Q4. Real GDP growth is projected at 17.2% for Q1 of 2022-23 and at 7.8% for Q2 of 2022-23: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/pmV5TCMnzV
— ANI (@ANI) December 8, 2021
RBI गवर्नर ने कहा कि सर्दियां आ गई हैं। इससे सब्जी के दाम में कमी आएगी। सरकार ने खाने के तेल की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए कुछ उपाय किए हैं। वे भी असर दिखा रहे हैं।
आरबीआई के मुताबिक वित्त वर्ष 2022 में महंगाई दर आरबीआई के अनुमान के मुताबिक रहेगी और ये 5.3 फीसदी पर संभव है। शहरी मांग में बढ़त जारी है और ट्रैवल-टूरिज्म पर कोरोनाकाल के मुकाबले खर्च बढ़ा है।