September 22, 2024

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत के बचाव में आई उत्तराखंड सरकार, SLP वापसी की अर्जी को किया निरस्त

देहरादून। राज्य सरकार के गृह विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल ‘एसएलपी उत्तराखण्ड सरकार बनाम उमेश कुमार व अन्य’ वापसी की अर्जी को निरस्त कर दिया है। राज्य के गृह विभाग ने एडवोकेट ऑफ रिकार्ड, सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर कहा कि पूर्व में यथास्थिति के अनुसार इस एसएलपी पर कार्यवाही की जाए। गृह विभाग ने कहा कि जनहित को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
गौरतलब है कि धामी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखण्ड सरकार बनाम उमेश कुमार और अन्य मामले में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) वापस लेने का फैसला किया था। सरकार के इस फैसले से अचानक उत्तराखण्ड मे ंसियासी पारा चढ़ गया था। ये मामला पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत से जुड़ा हुआ है लिहाजा सरकार के इस फैसले से त्रिवेंद्र सिंह रावत खेमा स्तब्ध था।

राज्य सरकार ने दिया था ये तर्क

सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार के अपनी विशेष अनुमति याचिका वापस लेने के पीछे आधिकारिक सूत्र ये तर्क दे रहे थे कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन एसएलपी दायर हुईं। सरकार ने एसएलपी वापस लेने के बाद भी दो याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं। इन एसएलपी में भी सरकार पार्टी है। अपनी एसएलपी के लिए सरकार को अधिवक्ता पर मोटी फीस खर्च करनी पड़ रही है।

ये है मामला

नैनीताल हाईकोर्ट ने 27 अक्तूबर 2020 को उमेश जे कुमार बनाम उत्तराखंड राज्य मामले में राजद्रोह का मुकदमा निरस्त करने और तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ शिकायतों की सीबीआई से जांच के आदेश दिए थे। इस फैसले के विरोध में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। इसमें सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मांग की थी कि राजद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए।

त्रिवेन्द्र खेमे की नाराजगी के बाद सरकार का यू-टर्न

हालांकि अभी तक इस मामले में पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र की ओर से अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है। लेकिन बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने पार्टी नेतृत्व से नाराजगी जताई थी। ऐसे में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी मामले को गम्भीरता से लिया। इसी कड़ी में धामी सरकार ने एसएलपी वापस लेने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि तीन दिन से त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।

बताया जा रहा है कि वह पुष्कर सिंह धामी सरकार के इस तरह खुद से जुड़े मामले पर याचिका वापस लेने से नाराज थे। ऐसे में भारी दबाव के बाद सरकार को अपने इस फैसले को वापस लेना पड़ा है।


WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com