November 25, 2024

EVM, वीवीपैट और अब रिमोट वोटिंग… जानिए नए वोटिंग सिस्टम पर विपक्ष ने क्यों उठाए सवाल

EVM Machine

दूसरे राज्यों में रहने वाले लोग जहां हैं वहां वोटिंग कर सकें, इसके लिए चुनाव आयोग ने नया प्रोटोटाइप तैयार किया है. इसे रिमोट वोटिंग सिस्टम नाम दिया गया है. नया वोटिंग सिस्टम कैसे काम करता है और कितना अलग है, राजनीतिक दलों को इसकी जानकारी देने के लिए 16 जनवरी को इसका लाइव डेमा रखा गया है. हालांकि, चुनाव आयोग की घाेषणा के बाद से ही विपक्ष ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. विरोध को लेकर विपक्ष दो हिस्साें में बंट गया है.

चुनाव आयोग ने रिमोट वोटिंग का जो नया फॉर्मूला तैयार किया है उससे कई विपक्षी दलों ने ऐतराज जताया है. उनका कहना है, यह सत्तारूढ़ पार्टी को सियासी फायदा देने का नया तरीका विकसित किया गया है. जानिए, रिमोट वोटिंग से कैसे होगा मतदान औरी विपक्ष ने क्या सवाल उठाए?

क्या है रिमोट वोटिंग की प्रॉसेस?

मान लीजिए आप बिहार के निवासी हैं लेकिन मतदान के दिन आप उत्तर प्रदेश में हैं तो वहां से वोटिंग कर सकेंगे. मतदान के लिए उन्हें घर लौटने की जरूरत नहीं होगी. इसके लिए हर शहर में रिमोट वोटिंग स्पॉट बनाए जाएंगे, जहां पर जाकर वोटिंग कर सकेंगे. वोटिंग ईवीएम की तरह ही एक मशीन से होगी.

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक, यह प्रक्रिया उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी जिनका रवैया वोट डालने का नहीं है. यह मशीन एक क्रांतिकारी बदलाव लाएगी, जिससे एक पोलिंग बूथ से कम से कम 72 निर्वाचन क्षेत्रों को कवर किया जा सकेगा.

रिमोट वोटिंग पर विपक्ष ने क्या सवाल उठाए, 3 पॉइंट में समझें

  1. EVM के सवाल अभी भी बरकरार: रिमोट वोटिंग के मामले में डीएमके, टीएमसी और कांग्रेस ने अपना विरोध जताया है. कांग्रेस ने प्रवासी मजदूरों के दूसरे राज्य में वोटिंग करने पर ऐतराज जताया है. पार्टी ने चुनावी प्रणाली में विश्वास बहाल करने की मांग की है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सहित कई दलों कहना है, वे इस मुद्दे की विस्तार से जांच करने के बाद कड़ा रुख अपनाएंगे. समाजवादी पार्टी का कहना है, पोल पैनल को पहले ईवीएम के दुरुपयोग के बारे में विपक्ष के सवालों का जवाब देना होगा.
  2. फर्जी मतदान को बढ़ावा: डीएमके राज्यसभा सांसद पी विल्सन का कहना है, चुनाव आयोग के पास मौजूदा कानून में संशोधन किए बिना इस तरह का प्रोटोटाइप लागू करने का अधिकार नहीं है. नए तरीके से फर्जी मतदान होगा और निष्पक्ष वोटिंग की प्रक्रिया पर असर पड़ेगा. उन्होंने कहा, अगर बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए हम तमिलनाडु के मतदाताओं को वहां वोट करने की अनुमति देते हैं तो बिहार के क्षेत्रीय दल इसे कैसे सही ठहरा पाएंगे.
  3. वीवीपैट पारदर्शी साबित नहीं हो पाया: तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रे ने अपने ट्वीट में लिखा, वीवीपैट सिस्टम पारदर्शी साबित नहीं हो पाया. इसे जबरदस्ती थोपा गया और जिस उद्देश्य से लागू किया गया तो विफल हो गया. अब प्रवासियों को उनके वर्तमान स्थान से मतदान करने के लिए नया तरीका अपनाया जा रहा है. कोई भी तर्क इस बात का समर्थन नहीं कर सकता.