देहरादून की गायत्री पवित्र करेगी उत्तराखण्ड की नदियां

आप को देहरादून में रहने वाली गायत्री का नाम तो याद होगा, जिसने 22 मार्च 2017 को मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से पीएम नरेन्द्र मोदी से बात की थी। उन्होने रिस्पना की गन्दगी को लेकर बात छेड़ी थी। गायत्री ने बताया था कि किस तरह रिस्पना पर हो रही गन्दगी के कारण आस पास के लोग परेशान हो रहे हैं। उन्ही गायत्री को मन की बात के 50वें कार्यक्रम में मुख्य रूप से बुलाया गया है। यह हमारे उत्तराखण्ड के लिए एक गौरव की बात है कि उत्तराखण्ड की बेटी को इतने बड़े कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया हैं।
गायत्री देहरादून में स्थित रिस्पना नदी के पास रहती हैं। जब भी वो नदी के पास से गुजरती है तो नदी की गंदगी को देख कर उनके मन में एक खामोशी सी रहती है। उन्होन बताया कि किस तरह नदी की गन्दगी के कारण आस पास के लोग बिमारियों से जूझ रहें हैं। जिसके कारण ऐसी जगह रहना बहुत मुश्किल है। उनकी इस समस्या को लेकर उनकी माँ ने उन्हे मन की बात कार्यक्रम के बारे मे बताया और कहा कि इस समस्याओं को आडियो के माध्यम से सीधे पीएम नरेंद्र मोदी को भेज सकतें है। कार्यक्रम के माध्यम से उन्होन पीएम नरेंद्र मोदी से बात करके रिस्पना की गन्दगी के बारे में बताया। जिसके तुरन्त बात सरकार ने रिस्पना की गन्दगी की सफाई को लेकर जागरूकता दिखाई।
आज गायत्री की बात को 1 साल 9 महीने हो गये हैं। लेकिन गायत्री असंतुष्ट सी नजर आ रही है। उनको दुख है कि रिस्पना की नदी अभी तक वैसे की वैसे है। ना उस पर कोई सुधार है ना सरकार द्वारा कोई सहायता की गई है। उन्होने बताया कि वह मेड एनजीओ के साथ जुड़ी हुई हैं। जहाँ वह सब मिलकर रिस्पना की गन्दगी को लेकर काम कर रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि राज्य सरकार इसमें कोई कार्य कर रही हैं? क्या पीएम नरेन्द्र मोदी की बात को अनदेखा किया जा रहा है?
दस्तावेज के लिए रवीना कुवँर की एक रिर्पोट