जल्द ही राज्य में बिछेगा रोपवे का जाल, केंद्रीय टीम ने लिया राज्य सरकार से फ़ीडबैक
उत्तराखंड में लंबे समय से प्रस्तावित रोपवे परियोजना के जल्द ही धरातल पर उतरने की संभावनाएं तेज होने लगी हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री नितिन गडकरी के निर्देश पर केंद्रीय टीम ने प्रदेश में रोपवे की लोकेशन के संबंध में राज्य सरकार से फीडबैक लिया है.
राज्य में रोपवे का जाल बिछाने की कोशिशें रंग लाने लगी हैं. पोर्ट अथॉरिटी सोनप्रयाग से केदारनाथ के रोपवे के प्रस्ताव को आगे बढ़ाएगी. प्रदेश सरकार की पेशकश पर अथॉरिटी टिहरी झील के पास टूरिस्ट डेस्टिनेशन चिन्हित करेगी जो पर्यटन के लिहाज से भी सुसज्जित होगा.
सीएम के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में प्रदेश के प्रस्तावित रोपवे परियोजनाओं पर मंथन हुआ. केंद्र से आई टीम में पोर्ट अथॉरिटी के अधिकारी और सर्वे के क्षेत्र में अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय परामर्श एजेंसी मैकेंजी के प्रतिनिधि भी शामिल रहे. रोपवे का सर्वे मैकेंजी कंपनी कर रही है.
दरअसल ब्रिज रोपवे टनल एंड आदर्श इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन ब्रिज पुल (ब्रि़डकुल) सात परियोजनाओं का प्रस्ताव तैयार करके केंद्र सरकार को पिछले वर्ष ही भेज चुका है. इनमें से उत्तराखंड और हिमाचल में एक-एक परियोजना का चयन होगा. बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई. केंद्र और राज्य ने जिन लोकेशन पर सर्वे कराया है उनमें सोनप्रयाग से केदारनाथ रोड की परियोजना भी है.
इसके अलावा नैनीताल में स्नो व्यू और चाइना व्यू लोकेशन और मुक्तेश्वर को रोपवे परियोजना के लिहाज से संभावनाओं से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इन दोनों लोकेशन का केंद्र सरकार की ओर से कमर्शियल सर्वे करा लिया गया है अब केंद्र को इन प्रस्तावों पर फ़ैसला लेना है.
प्रदेश सरकार की राय लेने के बाद अब केंद्र सरकार को तय करना है कि इन परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए इसका फंडिंग पैटर्न क्या होगा. सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित रोपवे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मोड के तहत बनाए जा सकते हैं.