भुज में संघ की अगली बैठक, 5-7 नवंबर तक चलेगा कार्यक्रम, हिंदुत्व समेत कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की महत्वपूर्ण बैठक 5 से 7 नवंबर तक गुजरात के भुज में होने जा रही है। आरएसएस के इस अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की तीन दिवसीय बैठक में आरएसएस के भावी एजेंडा पर चर्चा होगी। इस बैठक में 45 प्रांतो के क्षेत्र प्रचारक, प्रांत प्रचारक और उनके सह संघ चालक ,सहकार्यवाह हिस्सा लेंगे। बता दें कि यह बैठक हर साल होती है। 5 नवंबर को होने वाली इस बैठक की शुरुआत सुबह 9 बजे से शुरू होगी। बता दें कि भुज में यह बैठक पहली बार हो रही है। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने इस बात की जानकारी भुज में प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरए दी।
अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह सरकार्यवाह पांचों पहुंच चुके हैं और टोली बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। इस बैठक में 381 कार्यकर्ता पहुंच रहे हैं। साथ ही 45 प्रांतों के प्रमुख भी यहां पहुंच रहे हैं। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने बताया कि इस बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होस बाले और सभी अखिल भारतीय पदाधिकारी सहित, कार्यकारिणी के सभी सदस्य भी उपस्थित रहेंगे। साथ-साथ विभिन्न संगठनों के चयनित संगठन मंत्री भी बैठक में भाग लेंगे। बैठक में संघ के संगठन कार्य की समीक्षा के साथ, सितंबर में पुणे में संपन्न हुई अखिल भारतीय समन्वय बैठक में आए विषय तथा हाल ही मे हुए विजयादशमी उत्सव के मोहन भागवत के उद्बोधन के मुद्दे पर चर्चा होगी। अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को हो रहे राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह और देश भर के प्रस्तावित कार्यक्रम आदि विषयों पर बैठक में चर्चा होगी।
कई विषयों पर होगी चर्चा
उन्होंन कहा कि मोहन भागवत ने विजयदशमी उत्सव के दौरान हिंदुत्व के मुद्दे के साथ अन्य मुद्दे रखे थे। उन मुद्दों को कैसे जन समुदाय तक लेकर जाना है इस पर चर्चा होगी। संघ में अपेक्षित बदलाव के संबंध में भी चर्चा होगी। इस बैठक में भी संघ के कार्यकर्ताओं के शिक्षा वर्ग के पाठ्यक्रम के बदलाव के संबंध में चर्चा होगी। भुज में आयोजित इस बैठक में संघ के शताब्दी वर्ष के संबंध में भी चर्चा की जाएगी। इस बैठक में भारतीय मजदूर संघ, भारतीय जनता पार्टी , अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन हिस्सा लेंगे।