RTI: आरटीआई अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का निर्देश
दिल्ली: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार को पंचायत स्तर पर सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के क्रियान्वयन के संबंध में कदम उठाने के लिए फटकार लगाई है। अदालत ने ग्रामीण विकास विभाग के सचिव, निदेशक और अन्य अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे ग्राम पंचायतों को मिलने वाले फंड और उनके उपयोग की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करने के संबंध में रिपोर्ट पेश करें।
यह आदेश तब आया जब फरीदाबाद निवासी भगवत दयाल ने हरियाणा राज्य सूचना आयुक्त के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी। दयाल ने 2019 में आरटीआई लगाकर हरिपुर पंचायत में 2015 से 2019 के बीच प्राप्त फंड और उसके उपयोग की जानकारी मांगी थी, लेकिन उन्हें यह जानकारी नहीं मिली। उनकी अपील को आयुक्त ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि गांव के निवासियों को उनके संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा प्राप्त और उपयोग किए गए अनुदानों की जानकारी मिलनी चाहिए। अदालत ने यह भी बताया कि हरियाणा में ग्राम पंचायतों के लिए राज्य लोक सूचना अधिकारी (एसपीआईओ) की नियुक्ति नहीं होने के कारण ग्रामीणों को कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
उच्च न्यायालय ने ग्रामीण विकास विभाग के आयुक्त, सचिव, निदेशक और विशेष सचिव को नोटिस जारी कर उनसे जानकारी मांगी है कि वे ग्राम पंचायत स्तर पर आरटीआई अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए क्या कदम उठा रहे हैं। साथ ही, हर ग्राम पंचायत के लिए एसपीआईओ की नियुक्ति की स्थिति पर भी जानकारी देने का आदेश दिया है।