रुद्रप्रयागः नरकोटा में निर्माणाधीन पुल धराशायी, प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा है ये पुल
इन्द्रेश मैखुरी
देहरादून। उत्तराखंड में राष्ट्रीय राजमार्ग पर रुद्रप्रयाग जिले के नरकोटा में बन रहा पुल धराशायी हो गया। यह पुल प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट कही जाने वाली उस परियोजना का हिस्सा है, जिसे शुरुआत में आल वेदर रोड कहा गया और अब इसे चार धाम सड़क परियोजना कहा जाता है। यह सड़क चौड़ा करनी की परियोजना है, जिसमें सड़क चौड़ी की जानी है, पुल और सुरंग बनाए जाने हैं। 12 हज़ार करोड़ की इस परियोजना में सड़क का बह जाना, पुल, सुरंगों का ढह जाना आम बात है। पिछले साल नवम्बर में उत्तरकाशी के सिलक्यारा में जो सुरंग ढही और उसमें 17 दिन तक 41 मजदूर फंसे रहे, वो भी इसी परियोजना का हिस्सा था।
रुद्रप्रयाग के पास नरकोटा में यह पुल 76 करोड़ रुपए में बन रहा था। आरसीसी डेवलपर्स इसे बना रहे थे। इसे सिग्नेचर ब्रिज कहा जा रहा है। हालांकि यह पहले मौका नहीं है, जब यह पुल ढहा है। 20 जुलाई 2022 को इस पुल की शटरिंग टूट गयी और यह जमींदोज हो गया। तब दो मजदूरों की मौत हुई थी और आठ घायल हुए थे।
तो क्या यही इस पुल का सिग्नेचर है कि यह धराशायी होता रहता है और घटिया गुणवत्ता के लिए किसी पर कार्यवाही नहीं होती? यह इस पुल का ही नहीं प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट बताई जाने वाली चार धाम सड़क का सिग्नेचर है कि घटिया काम, घटिया गुणवत्ता के चलते पहाड़ तहस-नहस होते रहते हैं, सड़क बहती है, पुल- सुरंग ढहते रहते हैं और किसी पर जिम्मेदारी आयद नहीं होती!