आपसी समन्वय से होगा ग्रामीण विकासः मुख्यमंत्री रावत
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ग्रामीण विकास एवं ग्रामीण आर्थिकी की मजबूती के लिये सभी सम्बन्धित विभागों से आपसी समन्वय से कार्य करने को कहा है। मुख्यमंत्री रावत का मानना है कि ग्रामीण विकास के लिए आपसी समन्वय आवश्यक है। जिसके लिए संबंधित विभागों के साथ साथ अधिकारियों को भी एक जुट होकर कार्य करना होगा। सीएम रावत ने कहा कि विभागों की योजनाओं व बेहतर क्रियान्वयन के लिये कार्मिकों को दिये जाने वाले प्रशिक्षण को आधुनिक तकनिकी से जोड़ा जाना चाहिए। जिससे प्रशिक्षण के बाद उसका लाभार्थियों पर सकारात्मक प्रभाव पड सके।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज संस्थान रूद्रपुर की बोर्ड आफ गवनर्स की नौवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारे संस्थान प्रशिक्षण देने के साथ ही आय सृजन के भी माध्यम बने इस दिशा में भी प्रयास किये जायें। उन्होंने संस्थान से नवाचार की पहल के साथ ही किसानों को लाभ देने वाली योजनाओं के प्रति जागरूक करने को कहा। हमारे युवा अपना गांव व खेती से जुड़ सकें, नशे से दूर रहकर स्वरोजगार की विभिन्न योजनाओं में सहभागी बने इसके भी प्रयास होने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न प्रदेशों द्वारा खेती व कृषि के विकास के क्षेत्र में की जा रही पहल का भी अध्ययन होना चाहिए। उन्होंने संस्थान को नये उत्पादों की प्रयोगशाला बनने की दिशा में कार्य करने, प्रशिक्षतों द्वारा ली गई ट्रेनिंग का आउटकम का भी आकलन करने को कहा। प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न उत्पादों की वेल्यू चैन की व्यवस्था बनाने पर ध्यान दिया जाय। क्वालिटी कन्ट्रोल फूड सेफ्टि प्रोसेसिंग माकेटिंग की दिशा में कार्य करने से ही ट्रेनिंग की उपयोगिता सिद्ध हो सकती है। व्यवहारिक उत्पादकता एवं उद्यमिता विकास पर ध्यान देने से भी ग्रामीण आर्थिकी को मजबूती मिलेगी। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, कुमांऊ आयुक्त राजीव रौतेला, क्षेत्रीय राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान गोहाटी के प्रो0 आरपी पन्त, ग्राम्य विकास संस्थान के अधिशाषी निदेशक एचसी काण्डपाल के साथ ही पंचायती राज, नियोजन, समाज कल्याण, वित्त, पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि मौजूद रहे।