September 22, 2024

शिवसेना का केन्द्र पर हमला, सामना में लिखा खतरे के स्तर को पार कर गया कोरोना, कहां हैं दिल्लीश्वर ?

देश में कोरोना की दूसरी लहर विस्फोटक हो गई है। लगातार तीन दिनों से देश में 2 लाख से ज्यादा कोरोना के नए केस समाने आ रहे हैं। महाराष्ट्र में भी कोरोना से हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं। महाराष्ट्र में नाइट कर्फ्यू, वीकेंड लॉकडाउन और अब लॉकडाउन के बावजूद कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच शिवसेना एकबार फिर कोरोना संकट को लेकर केंद्र सरकार पर हमला किया है। शिवसेना ने केंद्र पर ये हमला अपने मुखपत्र सामना के जरिए किया है।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है कि देश में बीते चौबीस घंटों में कोरोना के मरीजों की संख्या दो लाख के पार पहुंच गई। लेकिन देश में चुनावी मेले व धार्मिक कुंभ मेला बिल्कुल भी रुकने को तैयार नहीं है। लाखों श्रद्धालु हरिद्वार में कुंभ मेले के लिए पहुंचे हैं। उन्होंने गंगा में शाही स्नान किया। इससे कोरोना का संसर्ग देशभर में बढ़ा है। पश्चिम बंगाल के चुनावी मेले भी प्रधानमंत्री रोकने को तैयार नहीं हैं। वहां कुंभ मेले के साधु-संतों को तो दोष क्यों दिया जाए?

सामना में आगे लिखा गया है कि कोरोना के पहले संकट का ठीकरा सरकार ने चीन पर फोड़ा। लेकिन अब चीन कहां है? चीन की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। चीन से कोरोना नष्ट हो गया है या नहीं, ये कहा नहीं जा सकता है। परंतु चीन से कोरोना की खबरें नहीं आती हैं। हिंदुस्तान में कोरोना की पहली लहर के लिए चीन जिम्मेदार होगा भी, परंतु आज जो दूसरा तूफान आया है उसके लिए, चुनाव आयोग और केंद्र सरकार ही पूरी तरह जिम्मेदार हैं।

शिवसेना का कहना है कि जिन राज्यों में चुनाव हो गए अथवा हो रहे हैं वहां से कम-से-कम पांच सौ गुना तेजी से कोरोना का प्रसार देशभर में हुआ। चुनाव, राजनैतिक स्वार्थ के लिए कोरोना की परवाह न करते हुए दिल्लीश्वर ने महामारी की लहर ही पैदा कर दी। देश में प्राणवायु का अभाव हो गया है। रेमडेसिवीर की कमी हो गई है। बेड्स, वेंटीलेटर्स कम पड़ रहे हैं। शव वाहिनियां एवं श्मशान ठसाठस भरे हैं।

विदेशी टीकों को हिंदुस्तान के बाजार में आने दो, ऐसा राहुल गांधी चिल्लाकर कह रहे थे। तब श्री गांधी विदेशी वैक्सीन कंपनियों के दलाल हैं, ऐसी आलोचना भाजपा के केंद्रीय मंत्री कर रहे थे। परंतु अब देश की स्थिति नियंत्रण से बाहर होते ही विदेशी वैक्सीनों को हिंदुस्तान में आने की मंजूरी दे दी गई। मतलब राहुल गांधी का अध्ययन व अक्ल दिल्ली के वर्तमान शासकों से कहीं अधिक ऊंचा है और राहुल गांधी कोरोना की लड़ाई में सरकार से सौ कदम आगे हैं

भाजपा शासित राज्यों में अच्छा चल रहा है। उनके यहां तो कोई शिकायत नहीं है। परंतु महाराष्ट्र जैसे राज्य कोरोना से युद्ध में नाकाम सिद्ध हो रहे हैं, ऐसी बात करनेवाले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को अब उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों ने मुंह छुपाने को मजबूर कर दिया है।  सवाल इतना ही है कि कल पश्चिम बंगाल भाजपा ने जीत लिया तो देश से कोरोना संकट दूर होनेवाला है क्या? अथवा पश्चिम बंगाल में भाजपा पराजित हो गई तो कोरोना का ठीकरा भी ममता बनर्जी पर फोड़कर दिल्लीश्वर हाथ झटकनेवाले हैं क्या?

 राजनीति का डोज कम करके केंद्र ने कोरोना युद्ध पर ध्यान दिया होता तो परिस्थिति निश्चित तौर पर नियंत्रण में आ गई होती। कोरोना संकट ने खतरे का स्तर कब का पार कर लिया है। दिल्ली सहित देश तड़पता नजर आ रहा है। दृश्य भयंकर था ही, वह अधिक खतरनाक होता दिख रहा है।


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