सहाराः कोरोना संकट में टीएसआर ने खोले स्वरोजगार के द्वार, ये हैं शर्तें और आवेदन की प्रक्रिया

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देहरादून। प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस कोविड-19 के संकट को देखते हुए राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खोल दिये है। यह फैसला टीएसआर सरकार ने ऐसे समय में लिया है जब हजारों की संख्या में युवा विभिन्न राज्यों से पलायन कर अपने प्रदेश लौट गये है। इस लिए सरकार का यह फैसला इन बेरोजगार युवाओं के लिए संजीवनी का काम कर सकता है। इस योजना के तहत विनिर्माण में 25 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपये तक की परियोजनाओं पर ऋण मिलेगा। योजना का उद्देश्य राज्य के उद्यमशील एवं प्रवासी उत्तराखंडवासियों को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का शुभारंभ किया। योजना का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजना की जानकारी गांवों तक पहुंचाई जाए। जन प्रतिनिधियों एवं जिलास्तरीय अधिकारियों के माध्यम से योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। योजना के तहत लाभार्थियों को ऋण लेने में कोई समस्या न हो इसके लिए जिलाधिकारी और बैंकर्स आपस में समन्वय स्थापित करें।

मार्जिन मनी होगी अनुदान के रुप में समायोजित

उत्तराखंड सरकार की इस योजना में राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंकों के माध्यम से सभी पात्र विनिर्माणक, सेवा और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए ऋण दिया जाएगा। एमएसएमई विभाग योजना के तहत मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध करवाएगा। एमएसएमई नीति के अनुसार वर्गीकृत श्रेणी ए में मार्जिन मनी की अधिकतम सीमा कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत, श्रेणी बी में 20 प्रतिशत तथा सी व डी श्रेणी में कुल परियोजना लागत का 15 प्रतिशत तक देय होगी। साथ ही ऋण प्रदान करने के लिए बैंक युवाओं पर कोई अनावश्यक शर्त लागू नही करेंगे। उद्यम के दो वर्ष तक सफल संचालन के बाद मार्जिन मनी अनुदान के रूप में समायोजित की जाएगी। योजना के तहत सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों को परियोजना लागत का 10 प्रतिशत और विशेष श्रेणी के लाभार्थियों को पांच प्रतिशत अंशदान के रूप में जमा करना होगा।

स्वरोजगार से होंगे गांव आवाद, सरकार ने बनायी नीति

यह है ऋण प्राप्त करने की शर्तें और आवेदन की प्रक्रिया

योजना के तहत आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं है। योजना के तहत उद्योग, सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र में वित्त पोषण सुविधा उपलब्ध होगी। आवेदक अथवा उसके परिवार के सदस्य को योजना के तहत केवल एक बार लाभांवित किया जाएगा। लाभार्थियों का चयन अधिक आवेदन प्राप्त होने पर प्रोजेक्ट को देखते हुए पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा। इसके साथ ही ऐसे युवाओं को अधिक अवसर दिये जायेंगे जिनके पास योजना के संचालन के लिए कोई ठोस प्लानिंग हो।

यहा किया जायेगा आवेदन

आवेदक को महाप्रबंधक एवं जिला उद्योग केंद्रों में जाकर या ऑनलाइन आवेदन करना होगा। योजना के क्रियान्वयन के लिए एमएसएमई विभाग के नियंत्रणाधीन उद्योग निदेशालय नोडल विभाग होगा। योजना का क्रियान्वयन जिला स्तर पर जिला उद्योग केंद्र करेंगे।

रिवर्स पलायन की दिशा में त्रिवेन्द्र सरकार द्वारा उठाया कदम

योजना उत्तराखंड लौट कर आए प्रवासियों के रिवर्स पलायन को लेकर शुरू की गई है। राज्य के उद्यमशील युवाओं और कोविड-19 के कारण उत्तराखंड लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाएगी। इससे कुशल और अकुशल दस्तकार, हस्तशिल्पी और बेरोजगार युवा खुद के व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित होंगे। प्रदेश के मुख्य मंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का योजना को शुरू करने का एक मात्र उददेश्य है कि संकट की घडी में घर लौटे युवाओं के लिए एक स्थायी रोजगार उपलब्ध कराना है। सरकार ने संकेत दिये है कि जरूरत पडी तो युवाओं के सपनों को पंख लगाने के लिए और भी निर्णय लिये जायेंगे।