सरकार ने माना- देश के 143 जिलों में एक भी आईसीयू बेड नहीं, यूपी-बिहार की हालत सबसे खराब

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भारत में कोरोना वायरस के करीब 28 हजार के सामने आ चुके हैं और 885 लोगों की मौत हो गई है. यह संख्या लगातार बढ़ रही है और इससे चिंता भी गहरी होती जा रही है. मुश्किल और बड़ी इसलिए हैं क्योंकि भारत के 140 से अधिक जिले हैं, जहां ना तो आईसीयू की सुविधा है और ना ही वेंटलिेटर की. केंद्र सरकार ने भी यह बात मान ली है. उत्तर प्रदेश , बिहार और असम की स्थिति सबसे खराब है. दुनिया में 2 लाख से ज्यादा लोगों की कोविड-19 वायरस से संक्रमित होने के बाद मौत हो चुकी हैं.

केंद्र सरकार ने कोविड-19 से लड़ाई को लेकर राज्यों के साथ मीटिंग की. इसमें देशभर में मौजूद इन्फ्रांस्ट्रक्चर के बारे में प्रजेंटेशन दिया गया. कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह माना गया कि देश में आइसोलेशन बेड , वेंटिलेटर और ICU बेड की कमी है. प्रजेंटेशन 23 अप्रैल तक के आंकड़ों पर आधारित थी. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मीटिंग में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश भर में 183 जिलों में 100 से कम आइसोलेशन बेड हैं. इनमें से 67 जिलों में कोरोनो वायरस के मामले सामने आ चुके हैं.

यूपी में 75 में से 53 जिलों में 100 से कम आइसोलेशन बेड हैं. इनमें से 31 जिलों में कोरोना के मामले आ चुके हैं. यूपी में भी सबसे खराब स्थिति सहारनपुर, फिरोजाबाद और रायबरेली जिले की है. बिहार में 38 में से 20 और आसाम में 33 में 19 जिलों में 100 से कम आइसोलेशन बेड हैं. बिहार में इनमें से 9 जिले कोरोना प्रभावित हैं. असम में ऐसे जिलों की संख्या छह हैं.

बैठक के आंकड़ों के मुताबिक भारत में 143 जिलों में आईसीयू बेड नहीं है. इनमें से 47 कोरोना प्रभावित हैं. इस मामले में भी यूपी पहले नंबर पर है. यहां 34 जिलों में एक भी आईसीयू बेड नहीं हैं, जिनमें से 19 में संक्रमण देखा गया है.

मध्य प्रदेश इस सूची में दूसरे स्थान पर है. राज्य के 31 जिले में शून्य आईसीयू बेड हैं. इनमें से 11 जिलों में COVID-19 के मामले देखे गए हैं. बिहार के 29 जिलों में आईसीयू बेड नहीं हैं.

देश में कुल 123 जिलों में वेंटीलेटर बेड नहीं हैं, जिनमें से 39 में कोविड-19 के मामले देखे गए हैं. यूपी में ऐसे 35 जिले हैं, जिनमें से 20 में कोरोना के पॉजिटिव मामले आ चुके हैं. बिहार में 28 और असम में 17 जिले ऐसे हैं, जिनमें क्रमशः 10 और 3 में कोरोना के मामले सामने आए हैं.

प्रजेंटशेन में 3 मई के अनुमानों के आधार पर इंन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी को भी चिह्नित किया है. जैसे कि मुंबई 2 मई तक ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ आइसोलेशन बेड की कमी हो सकती है. यहां तब तक कोरोना के 9,632 मामले अनुमानित हैं.

प्रजेंटेशन में ऐसे 10 जिलों के बारे में भी बताया गया जहां बेड क्षमता उपयोग सबसे ज्यादा है. फिरोजाबाद में 30 बेड हैं लेकिन 62 सक्रिय मामले हैं. सूरत में 253 बिस्तर और 440 सक्रिय मामले हैं. मुंबई में कुल 2,260 बेड और 3,615 मामले दर्ज हैं. इन 10 जिलों में से चार यूपी में और दो गुजरात में हैं.