शख्सियत को सलामः दर्शनी ने कराये हजारों नवजातों को दुनियां के दर्शन
रूद्रप्रयागः कोरोना महामारी के बहाने असल जिंदगी के गुमनाम ‘हीरो’ समाने आ रहे हैं। रियल लाइफ के ये हीरो किसी से कम नहीं हैं। बात सिर्फ यह कि असल जिंदगी के नायक कभी अपने नाम का ढिंढोरा नहीं पीटते बस अपने बुलंद इरादों से नए आयाम स्थापित करते हैं। ऐसी ही एक शख्सियत है दर्शनी देवी।
दर्शनी देवी पेशे से एएनएम हैं और रूद्रप्रयाग जनपद में कार्यरत हैं। केदारनाथ यात्रा का प्रमुख पड़ाव फाटा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दर्शनी देवी सन् 2002 से सेवारत है। दर्शनी इस पूरे इलाके की मशहूर एएनएम हैं। आखिर हो भी क्यों नहीं, प्रसूता महिलाओं का उन पर अटूट भरोसा है। जिसके चलते प्रसूता महिलाएं शहरों के बड़े अस्पतालों की बजाय दुर्गम फाटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाना उचित समझती हैं। यही वजह है कि अपने 18 साल की सर्विस में दर्शनी देवी ने हजारों नवजातों को दुनियां के दर्शन कराये। वह भी तब जब उनके पास कोई ठोस चिकित्सकीय सुविधाएं नहीं थी। खै़र कोरोना के बहाने केदारनाथ विधायक मनोज रावत की उनसे मुलाकात हुई तो विधायक रावत उनके हौंसले से खासे प्रभावित हुए।
केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने बताया कि इन दिनों वह अपनी विधानसभा क्षेत्र में जनता के बीच जा रहे हैं। इस दौरान उनका अस्पतालों में भी जाना हुआ। जब वह सुदूर फाटा पहुंचे तो वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उनकी मुलाकात दर्शनी देवी से हुई। विधायक मनोज रावत बताते हैं कि फाटा केदारनाथ यात्रा मार्ग का महत्वपूर्ण पड़ाव है। यहां पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है जिसे स्थानीय लोग 1939 का बना बताते हैं।
विधायक रावत बताते हैं कि इस अस्पताल की एक विशेषता है कि इसमें पिछले 5 सालों में हर साल 300 से अधिक डिलेवरी हुई। यानी नवजात शिशु को जन्म दिलाया गया। वर्ष 2016 में यह संख्या 372 थी। रुद्रप्रयाग जिले की बात करें तो जिला अस्पताल के बाद फाटा स्थिति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डिलीवरी कराने में दूसरा स्थान पर है। जबकि यह छोटा सा चिकित्सालय है। गौर करने वाली बात यह है कि इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कभी महिला चिकित्सक (स्डव्) तैनात नही रही।
विधायक मनोज रावत बाताते हैं कि यह आंकड़ा स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एएनएम दर्शनी देवी नेगी के कारण पंहुचा है। वह बताते हैं कि दर्शनी नेगी वर्ष 2002 से वहां तैनात हैं। जिन्होंने सन् 1987-88 में गोपेश्वर से एएनएम का 18 महीने का प्रशिक्षण लिया और 1989 में चिकित्सकीय सेवा में आई। साल 2002 से वहा फाटा में अपनी सेवाएं दे रही हैं।
दर्शनी देवी को वहां के डाॅक्टर गुलबहार सहित सभी लोग दीदी कहते हैं। विधायक केदारनाथ का कहना है कि दर्शनी देवी पर क्षेत्र की हर प्रसूता बहिनों और उनके परिजनों का इतना भरोषा है कि वह बड़े अस्पतालों या बड़े कस्बों या फिर शहरों की तरफ जाने के बजाय उल्टा मीलों दूर चल कर दुर्गम और अंतिम स्टेशन फाटा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का रूख करते हैं। वह बताते हैं कि दर्शनी दीदी के पास पदबनइंजवत तक है जो हंस फाउंडेशन ने दिया है, और भी अच्छी मशीनें हैं। लेकिन अब वह खुद अपने स्तर पर उनके डिलवरी रूम को और उन्नत और आधुनिक मशीनों से लैस करेंगे।
विधायक केदारनाथ मनोज रावत बताते हैं कि उन्होने जब दर्शनी देवी देवी से से पूछा कि आजतक कितनी डिलीवरी कराई तो उन्होने कहा कि उन्हें इस बारे में याद ही नही है। फिर उन्होंने उन से जानना चाहा कि इतने केस संभालने बाद किसी सरकार ने पूछा या कोई पुरस्कार मिला, विभाग से कोई सम्मान पत्र दिया गया। तो उन्होने ऐसे भाव से गर्दन हिलाई की जैसे उन्हें इन सम्मानों की कोई परवाह ही नही हो। बस अच्छे से अपना काम करना है।
विधायक मनोज रावत ने बताया कि आजकल हम भी कोरोना के बहाने अपने स्वास्थ्य केंद्रों की सुध ले रहे हैं। उनकी कमियों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। कोशिश है वे विभिन्न माध्यमों से अस्पतालों को तकीनीक और सुविधाओं से लैस करें। उन्होंने कहा कि इस महामारी के बहाने दर्शनी देवी के दर्शन हो गए। हमारे पास जिले में केवल एक महिला रोग विशेषज्ञ और एक बाल रोग विशेषज्ञ। फिर भी हमारे और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जहां संकल चिकित्साधिकारी नियुक्त हैं जैसे गुप्तकाशी या केवल एएनएम ही हैं जैसे चंद्रनगर। ऐसी जगह अच्छी संख्या में डिलवरी को सफलतापूर्वक कराया जा रहा है। हमारा ध्येय इनको भी सुसज्जित करना है। विधायक रावत ने बताया कि इन सबके लिए दर्शनी दीदी प्रेरणा हैं। इन सबके प्रयास से हमारे जिले रुद्रप्रयाग में नवजात शिशु की मृत्यु दर शून्य है। जो हमारे लिये गर्व की बात है।