September 22, 2024

शहरों से बड़े ‘दिलवाले’ निकले ये गांव, इनकी दरियादिली पर कायल हुई सरकार

कोरोना वायरस की महामारी से जंग के लिए दान करने वालों में देश के गांव भी पीछे नहीं हैं. हरियाणा के गांव तो शहरों से भी बड़े ‘दिलवाले’ निकले. सरकार को एक करोड़ रुपये दान देने वाले कई गांव हो गए हैं तो दो गांवों ने 10-10 करोड़ रुपये से अधिक दान देकर इस मामले में नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है. ये ऐसे गांव हैं जो अपने विकास के लिए सरकार के पैसे के मोहताज नहीं हैं. इन्होंने सरकार के लिए बड़ा दिल दिखाकर गांवों का दर्जा कहीं पहले से ऊंचा उठा दिया है.

सबसे ज्यादा दान देने वाली तीन पंचायतों की प्रमुख महिलाएं हैं. सरकार इन गांवों की तारीफ करते नहीं थक रही. इनमें से कुछ गांवों का अपना इतना बड़ा फंड है कि उसका ब्याज ही सांसद निधि के तहत किसी लोकसभा क्षेत्र को मिलने वाली सालाना पांच करोड़ रुपये की रकम से कहीं अधिक होता है.

इस गांव ने दिए 11 करोड़ रुपये 

सोनीपत के राई खंड की सेरसा गांव पंचायत ने ‘हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड’ में अब तक का सबसे बड़ा दान दिया है. सरपंच नीलम ने सीएम आवास पर जाकर 11 करोड़ 251 रुपये का चेक मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को सौंपा. इसमें स्कूली विद्यार्थियों की ओर से सामूहिक रूप से कोरोना फंड के लिए जमा किए गए पैसे भी शामिल थे. मुख्यमंत्री खट्टर ने इस दरियादिली के लिए गांव और बच्चों का आभार प्रकट किया है.

10.5 करोड़ रुपये का दान करने वाले गांव से मिलिए

पानीपत जिले की बाल जाटान ग्राम पंचायत ने भी बड़ा दिल दिखाते हुए सरकार को कोरोना रिलीफ फंड में 10 करोड़ 50 लाख रुपये का योगदान दिया है. इस राशि का चेक सरपंच सरिता देवी ने सीएम को सौंपा. इसके लिए पहले 50 लाख रुपये का चेक दिया गया. जबकि 10 करोड़ रुपये के दान के लिए पंचायत विभाग से जुड़े उच्चाधिकारियों से मंजूरी मांगी गई थी. अनुमति मिलने के बाद यह चेक भी सीएम को सौंप दिया गया. बताया गया है कि ग्राम पंचायत के फंड में इस समय कुल 130 करोड़ रुपये की राशि है.

सोनीपत के जाजी गांव ने भी कायम की मिसाल

सोनीपत के जाजी गांव के सरपंच भीम सिंह ने राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा के साथ सीएम आवास पहुंचकर खट्टर को 5.21 करोड़ रुपये का चेक सौंपा. कहा कि यह हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में उनके गांव की ओर से योगदान है. इस महामारी के खिलाफ जंग में गांव भी किसी से पीछे नहीं हैं. इस पैसे को देने के लिए पंचायत के सभी सदस्यों और ग्रामीणों की सहमति ली गई. सबकी सहमति के बाद पैसा दिया जा रहा है.

चंदावली ने दिया 1 करोड़

फरीदाबाद की चंदावली गांव पंचायत 1 करोड़ रुपये का चेक दिया है. यहां की पंचायत प्रमुख अंजू यादव हैं, जिनकी गिनती हरियाणा के सबसे कम उम्र के सरपंचों में होती है. गांव की ओर से सीएम को सरपंच अंजू यादव के पिता गिर्राज यादव, पंच भूलेराम, महेंद्र, भीम सिंह, पंकज आदि ने चेक सौंपा. फरीदाबाद इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप इसी पंचायत का हिस्सा है.  इस पंचायत के पास 64 करोड़ रुपये का फंड है. तीसरे महीने करीब 80 लाख रुपये का ब्याज मिल जाता है. यह गांव एक बार पहले भी संकट के समय 5 करोड़ रुपये सरकार को दे चुका है.

फरीदाबाद के मच्छगर गांव ने भी 1 करोड़ रुपये दिए

फरीदाबाद जिले की ही मच्छगर गांव (village machhgar) पंचायत ने भी कोरोना रिलीफ फंड में 1 करोड़ रुपये का योगदान दिया है. गांव के सरपंच नरेश कुमार ने पृथला विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं हरियाणा भंडारण निगम के चेयरमैन नयनपाल रावत को इस राशि का चेक भेंट किया. इस गांव के पास 68 करोड़ रुपए का अपना फंड है.

मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार अजय गौड़ का कहना है कि कई और पंचायतें भी पैसा देने वाली हैं. जो समृद्ध पंचायतें हैं वो संकट के समय सरकार का योगदान दें. यहां की पंचायतों ने पूरे देश में मिसाल कायम की है. उम्मीद है कि हरियाणा के गांवों से प्रेरित होकर देश की दूसरी पंचायतें भी राज्य और केंद्र को बढ़ चढ़कर योगदान देंगी.


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