एक ही राह पर ‘बुआ’ और ‘बबुआ’, ऐसा हुआ तो बीजेपी को होगा बड़ा फायदा
लोकसभा चुनाव में भले ही अभी एक साल का वक्त बाकी हो, लेकिन हर राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में लग गया है. यूपी में भी बीजेपी को घेरने के लिए बीएसपी और समाजवादी पार्टी अपने मिशन मोड़ में काम कर रहे हैं. हालांकि बीजेपी के साथ अखिलेश यादव और मायावती भी एक राह पर चलते हुए दिखाई दे रहे हैं.
दरअसल, बीते दिनों सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पूर्वांचल के दौरे पर बीजेपी के खिलाफ अब किसी के साथ गठबंधन नहीं करने का एलान किया था. उन्होंने कहा था कि सपा अपने पुराने सहयोगियों को साथ लेकर चलेगी. सपा अपने सहयोगियों के साथ सहमती से हर फैसला लेगी. हालांकि उन्होंने चंद्रशेखर आजाद की पार्टी के साथ गठबंधन होने के भी संकेत दिए थे.
एक ही राह
इससे पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी अपने जन्मदिन पर गठबंधन को लेकर एलान किया था. तब मायावती ने कहा कि 2023 में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और अगले साल देश में लोकसभा चुनाव होंगे. इन चुनावों में बीएसपी किसी भी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी. हालांकि बाद में पार्टी ने पंजाब में अकाली दल के साथ पहले से चले आ रहे गठबंधन को जारी रखने का फैसला किया.
‘बुआ’ और ‘बबुआ’ के एक राह पर आ जाने से इसका सीधा फायदा बीजेपी को यूपी के लिए संभव होगा. बीजेपी के खिलाफ विपक्षी पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ती हैं तो फिर राज्य में बीजेपी अपने पुराने प्रदर्शन को फिर दोहरा सकती है. बीते दिन एक सर्वे की रिपोर्ट ने इसपर मुहर लगा दी है. उस सर्वे की रिपोर्ट में बीजेपी को राज्य में 80 में से 70 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था.
हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का सुभासपा के साथ गठबंधन होने की संभावना है. इसकी झलक भूपेंद्र चौधरी और ओम प्रकाश राजभर के बयानों में लगातार दिख रही है. अगर ऐसा होता है तो पूर्वांचल में इसका सीधा फायदा बीजेपी गठबंधन को होगा.