श्री महाराज के मार्गदर्शन में एसजीआरआर एजुकेशन मिशन पहुंचा बुलंदियों पर
देहरादून के इतिहास और वर्तमान में श्री गुरूराम राय दरबार साहिब का बड़ा महत्व है। इस शहर के अस्तित्व की कहानी ही श्री दरबार साहिब से शुरू होती है। मौजूदा समय में इस दरबार के सज्जादानशीन श्री महंत देवेन्द्र दास जी महाराज है। वे ऐसे संन्यासी हैं जो सेवा धर्म में जुटे हैं। उनके मार्गदर्शन में श्रीदरबार साहिब देश दुनिया में ख्याति पा रहा है। महंत श्री देवेन्द्रदास जी महाराज ने एसजीआरआर एजुकेशन मिशन के जरिए गरीबों और वंचित तबके के लोगों का जीवन स्तर उठाने बीड़ा लिया है।
एसजीआरआर एजुकेशन मिशन की स्थापना सन 1952 में श्री महंत इन्दिरेश चरण दास जी महाराज ने की थी। शिक्षा से कोई वंचित न रहे और समाज में सभी को समानता के आधार पर शिक्षा मिले, इस उद्देश्य से श्री महंत इन्दिरेश चरण दास जी महाराज ने श्री गुरूराम राय एजुकेशन मिशन की स्थापना की थी। जिस मकसद के साथ इस एजुकेशन मिशन की स्थापना की गई थी वह आज महंत देवेन्द्रदास महाराज के अगुवाई में पूरे होते नजर आते हैं। यह मिशन प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक देश और समाज को स्तरीय शिक्षा मुहैया करा रहा है। एसजीआरआर पब्लिक स्कूल हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम में इण्टर तक की शिक्षा दे रहा है। श्री लक्ष्मण संस्कृत महाविद्यालय में संस्कृत माध्यम की शिक्षा दीक्षा दी जाती है। 2017 में महंत श्री देवेन्द्रदास महाराज जी के मार्गदर्शन में एसजीआरआर विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।
इस विश्वविद्यालय में प्रबन्धन, कृषि, वानिकी, पैरामैडिकल, पत्रकारिता, इंजीनियरिंग और पीएचडी जैसे तमाम रोजगारपरक कोर्स संचालित किये जाते हैं। हाल ही में इस विश्वविद्यालय ने लोक भाषा को संरक्षित करने के लिए गढ़वाली भाषा में भी स्नातक और परास्नातक स्तर पर पाठ्यक्रम शुरू किये हैं। उत्तराखण्ड, देहरादून समेत पूरे उत्तर भारत में एसजीआरआर एजुकेशन मिशन शिक्षा का उजियारा फैला रहा है।
श्री दरबार साहिब स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी रोज नई इबारत लिख रहा है। श्री महंत देवेन्द्रदास जी महाराज ने मानवमात्र की सेवा के लिए सन 2002 में श्रीमहंत इन्दिरेश अस्पताल की शुरूआत की। श्रीमहंत इन्दिरेश अस्पताल अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होकर लोगों की सेवा में संजीदगी से काम कर रहा है। मरीजों की सेवा के लिए इस अस्पताल में एक हजार से अधिक बैड हैं। सीटी स्कैन, एमआरआई जैसे तमाम तरह के अत्याधुनिक टेस्ट की सुविधा इस अस्पताल में सुलभ है। गरीब मरीजों को यहां रियायती दरों पर इलाज मिलता है। इस अस्पताल में हर रोग के निदान के लिए एक्सपर्ट डाक्टर है। उत्तराखण्ड जैसे सीमित संसाधनों वाले प्रदेश में ये अस्पताल संजीवनी का काम कम कर रहा है।
यह अस्पताल न केवल उत्तराखण्ड बल्कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा के लोगों को भी सेवायें दे रहा है। हाल में अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को निभाते हुए श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने प्रदेश सरकार के साथ मिलकर पौड़ी और पाबौ ब्लाक में पीपीपी मोड पर स्वास्थ्य सुविधाएं शुरू कर दी है।
श्री दरबार साहिब समाज सेवा में हमेशा अग्रणी रहा है। कोरोना संकट को देखते हुए महंत श्री देवेन्द्र दास के मार्गदर्शन में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में 120 बैड कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित हैं। जिसमें 100 बैड जनरल व आक्सीजन की आवश्यकता वाले मरीजों के लिए हैं तथा 20 आईसीयू बैड अति गम्भीर रोगियों के लिए आरक्षित हैं। अस्पताल के साथ-साथ एसजीआरआर एजुकेशन मिशन मेडिकल कालेज भी संचालित करता है। जहां सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टरी की तालीम दी जाती है। यहां से पासआउट छात्र-छात्राएं देश दुनिया को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं।
पिछले 20 सालों में श्री महाराज जी ने दरबार साहिब के स्वर्णिम इतिहास में कई गौरवमीय पन्ने जोड़े और इसे नई बुलंदियों पर पहुंचाकर देश और दुनिया में विख्यात कर दिया है।
श्री महंत इन्दिरेश चरण दास जी महाराज ने एसजीआरआर एजुकेशन को जिस सपने के साथ शुरू किया था उसे श्री महंत देवेन्द्र दास जी ने शिखर पर पहुंचा दिया है। श्री महाराज जी के विगत 20 सालों के कार्यकाल में उनका कर्म जगत चरम पर हैं। श्री गुरू राम राय दरबार साहिब के क्रिया कलापों और गतिविधिओं से हर कोई परिचित है। यह मिशन स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में लगातार पहचान बनाता जा रहा है। शिक्षा और स्वास्थ्य में उल्लेखनीय कार्यों के चलते श्री महाराज जी को विवेकानंद राष्ट्रीय अवार्ड और शिक्षा भारती अर्वा से भी नवाजा जा चुका है।
श्री महाराज जी देश की उन सर्वोच्च विभूतियों में से एक है जिनकी सेवाओं को रामकृष्ण-विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन ने उत्कृष्ट सेवाओं की श्रेणी में रखा। इसके अलावा अखिल भारतीय व्यावसायिक एवं सामाजिक संस्थान की ओर से श्री महाराज जी को दिल्ली के हेबीटैट सेंटर में आयोजित इंडियन अचीवर्स समिट में शिक्षा भारती अवार्ड से सम्मानित किया गया।
छठवें महंत के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज का प्रारम्भ कठिन दौर से गुजरा। श्री महंत इन्दिरेश चरण दास जी महाराज ने जिस कार्य की पूर्ति के लिए श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी का चुनाव किया था, जनहित का वह कार्य श्रीमहंत देवेन्द्रदास जी महाराज पूरे कौशल से कर रहे हैं। पद भार ग्रहण करने के बाद महंत श्री देवेन्द्र दास महाराज जी ने सबसे पहले दरबार साहिब के गौरवशाली इतिहास को दोबारा नये ढंग से सजाना संवारना शुरू किया। जीर्ण-शीर्ण पड़े दरबार के भवनों की मरम्मत का काम करवाया। चार सौ साल पुराने इतिहास की धरोहरों का जीर्णाेद्धार कर नया रूप दिया। श्रद्धालुओं के लिए बनाए गये विश्राम गृहों का कायाकल्प किया। दरबार साहिब के चारों तरफ हुए अतिक्रमण को हटवाया और ग्रिल लगाकर दरबार साहिब की संपत्ति का रखरखाव किया।
दरबार साहिब में स्थित दो सौ साल पुराने नीम के पेड़ का रखरखाव कर उसे नया जीवन प्रदान किया। दरबार साहिब की बेहतर साज-सज्जा के साथ दरबार परिसर में बैडमिंटन कोर्ट की स्थापना की। दरबार परिसर में मृत पड़े तालाब को नया जीवन दिया। श्री महंत देवेन्द्रदास जी महाराज की दूरदृष्टि और सेवाभाव के चलते एसजीआरआर एजुकेशन मिशन शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई बुलंदियां छू रहा है। जनसेवा को समर्पित एसजीआरआर मिशन के चलते आज गरीब अभिभावक भी अपने बच्चों को डाक्टर, इंजीनियर बनाने का सपना देख पा रहा है।