September 22, 2024

चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली युवती अपने बयान से पलटी

पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली कानून की छात्रा विशेष एमपी-एमएलए अदालत में अपने बयान से पलट गई।कथित पीड़िता मंगलवार को यहां एक विशेष एमपी-एमएलए अदालत के सामने पेश हुई और स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया कि उसने पूर्व मंत्री के खिलाफ कोई आरोप लगाया है जैसा कि अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था।

छात्रा विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान अपना बयान देने के लिए उपस्थित हुई। छात्रा ने बयान में कहा कि उसने पूर्व मंत्री पर ऐसा कोई इल्जाम नहीं लगाया जिसे अभियोजन पक्ष आरोप के तौर पर पेश कर रहा है। इससे नाराज अभियोजन पक्ष ने आरोपों से मुकरने पर छात्रा के खिलाफ कार्रवाई के लिए अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 340 के तहत तुरंत अर्जी दाखिल की।

एमपी-एमएलए अदालत के विशेष जज पवन कुमार राय ने अभियोजन पक्ष को यह अर्जी दर्ज करने का आदेश दिया। साथ ही इसकी प्रति पीड़िता व अभियुक्त को देने का भी आदेश दिया, ताकि वे इस पर अपना जवाब दाखिल कर सकें। मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी।

लखनऊ कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर इस मामले की सुनवाई कर रहा था। न्यायाधीश पी के राय ने अपने कार्यालय को आवेदन पंजीकृत करने का निर्देश दिया और अभियोजन पक्ष को आवेदन की एक कॉपी पीड़ित और आरोपी को देने को कहा।  कोर्ट ने अर्जी पर सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर की तारीख तय की है।

युवती शाहजहाँपुर में चिन्मयानंद के आश्रम द्वारा संचालित लॉ कॉलेज की छात्रा थी और उसने पिछले साल अगस्त में यौन शोषण का आरोप लगाया था। इस मामले ने तब सुर्खियां बटोरी जब लड़की गायब हो गई और सुप्रीम कोर्ट में पेश हुई।

उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया।  बाद में चिन्मयानंद ने यह भी आरोप लगाया कि वह उनसे पैसे निकालने की कोशिश कर रही थी और उन्होंने क्रॉस-एफआईआर दर्ज करवाया था।

बाद में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

चिन्मयानंद को 20 सितंबर, 2019 को गिरफ्तार किया गया था।

जांच अधिकारी ने उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (C), 354 (D), 342 और 506 के तहत आरोप पत्र दायर किया।  जांच अधिकारी ने 13 पृष्ठ की चार्जशीट में 33 गवाहों और 29 दस्तावेजी साक्ष्यों का हवाला दिया।

चिन्मयानंद को 3 फरवरी, 2020 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत पर रिहा कर दिया गया था। अदालत ने शाहजहाँपुर से लखनऊ की एमपी-एमएलए अदालत में मुकदमा भी स्थानांतरित कर दिया।


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