“किसानों के वेश में सरकार अस्थिर करने की साजिश,” शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों पर खट्टर का बड़ा हमला

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अंबाला में बोले केंद्रीय मंत्री: बॉर्डर बंद होने से व्यापारी और आम जनता परेशान, सुप्रीम कोर्ट से समाधान की उम्मीद

अंबाला : केंद्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शंभू बॉर्डर पर डटे प्रदर्शनकारियों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने दावा किया कि प्रदर्शनकारी किसानों का मुखौटा पहनकर सरकार को अस्थिर करने की साजिश रच रहे हैं। खट्टर ने भाजपा उम्मीदवार असीम गोयल के समर्थन में आयोजित जनसभा में कहा कि शंभू बॉर्डर का बंद रहना स्थानीय व्यापारियों और आम जनता के लिए बड़ी समस्या बन चुका है।

खट्टर ने कहा, “जो लोग बॉर्डर पर बैठे हैं, वे किसान नहीं हैं। वे व्यवस्था को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं और निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करना चाहते हैं।” उन्होंने प्रदर्शनकारियों के पिछले रवैये का जिक्र करते हुए कहा, “2021 के किसान आंदोलन के दौरान लाल किले पर जो घटनाएं हुईं, वह किसान कभी नहीं कर सकते।”

सुप्रीम कोर्ट से समाधान की उम्मीद

शंभू बॉर्डर विवाद पर बोलते हुए खट्टर ने कहा कि सरकार बॉर्डर खोलने के लिए प्रतिबद्ध थी, लेकिन मामला अदालत तक पहुंच गया। उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति बनाई है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही कोई समाधान निकलेगा। लेकिन न्यायालय बिना शर्त बॉर्डर खोलने की अनुमति नहीं देगा।”

किसानों की मांगें और सरकार पर दबाव

शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान कई मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। वे फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी और अन्य मुद्दों पर सरकार से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया था, जिसे सुरक्षाबलों ने रोक दिया।

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