श्रीदेवसुमन विश्वविद्यालय के कुलसचिव पर छेड़छाड़ के आरोप
विवादित कुलसचिव का एक और कारनामा, कालेज से की रिश्वत की मांग
देहरादून: श्रीदेवसुमन विश्वविद्यालय के कुलसचिव दीपक भट्ट एक बार फिर विवादों में है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव पर इस बार महिलाओं से छेड़खानी का आरोप लगा है। दरअसल विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने हिमगिरि कॉलेज में निरक्षण के समय कॉलेज की दो शिक्षिकाओं सेे चेकिंग के नाम पर शॉल उतरवाए। इतना ही नही कुलसचिव दीपक भट्ट ने उनके साथ अभद्र व्यवहार कर गली-गलौच भी की। वही हिमगिरि कॉलेज के अध्यक्ष ने मंगलौर कोतवाली में कुलसचिव के खिलाफ तहरीर दे कर जांच की मांग की।
हिमगिरि महाविद्यालय की अध्यक्ष ने श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की टीम पर परीक्षा केंद्र की जांच के दौरान दो महिला शिक्षकों और एक अनुसूचित जाति की महिला सफाई कर्मचारी के साथ अभद्र व्यवहार, चेकिंग के नाम पर शॉल उतरवाने का आरोप लगाया है। आरोप है कि टीम ने कार्रवाई के नाम पर रिश्वत भी मांगी।
पुलिस के अनुसार, हिमगिरि महाविद्यालय की अध्यक्ष कुलदीप कौशिक ने मंगलौर कोतवाली में दी तहरीर में बताया कि आठ जनवरी को बीकॉम और बीएससी की परीक्षा थी। सुबह 9.30 बजे श्रीदेव सुमन विवि कुलसचिव डॉ. दीपक भट्ट एक अन्य सदस्य के साथ परीक्षा केंद्र पर आए। टीम ने सभी छात्राओं की तलाशी ली, लेकिन कुछ नहीं मिला। आरोप है कि टीम ने दोनों कक्षों की शिक्षक अंजू शर्मा और लक्ष्मी के साथ ही अनुसूचित जाति की महिला सफाई कर्मचारी सीता से अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। जबरन शॉल उतरवाए और बाहर रखी पाठन सामग्री को उठाकर बीकॉम की एक छात्रा की टेबल पर रखकर फोटो लिया। आरोप है कि सेंटर से मोटी रकम की मांग करते हुए पुलिस में शिकायत की धमकी दी गई। आरोप है कि संस्थान और सेंटर की संबद्धता रखने के लिए मोटी रकम मांगी। कोतवाली प्रभारी गिरीश चंद्र शर्मा ने बताया कि तहरीर के आधार पर मामले की जांच की जा रही है। एसआई लोकपाल सिंह को जांच सौंपी गई है। इसके बाद आगे की करवाई होगी।
मामाला मेरे संज्ञान में आया है। उक्त प्रकरण की जांच की जायेगी। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि जो आरोप शिक्षण संस्थान की ओर से लगाये गये हैं उनमें कितनी सच्चाई है। वर्तमान में परीक्षा गतिमान है। इसलिए लिए किसी तरह की परेशानी न हो लिहाजा विश्वविद्यालय द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है।
डा. यू.एस. रावत, कुलपति, श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय
आप के माध्यम से मामला संज्ञान में आया है। पुलिस जांच के बाद ही स्थिति का सही आकलन किया जा सकता है। जहां तक जांच टीम के व्यवहार की बात है तो यह है कि हर एक टीम के साथ महिला कर्मचारियों और अधिकारियों की तैनाती की जाती है। इस मामले में विवि से भी संर्पक किया जाएगा। घटना की शुद्धता जांच के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा।
डा . रणवीर सिंह, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा