मिशन 2019ः राहुल के गढ़ में सेंध लगाने की तैयारी में स्मृति
केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी एक खास रणनीति के तहत अमेठी में अपनी जमीन तैयार करने में जुटी हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर अमेठी से ही चुनाव लड़ने का मूड बना चुकी स्मृति इस बार राहुल के गढ़ में सेंध लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। कार्यकर्ताओं को चुनाव में जुटाने से पहले उन्होंने अपने खर्चे से अमेठी लोकसभा की पांच विधानसभाओं से 40-40 कार्यकर्ताओं का जत्था रविवार को पांच बसों से हरिद्वार-ऋषिकेश की चार दिन की यात्रा पर भेज दिया।
अमेठी लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली पांच विधानसभा अमेठी, गौरीगंज, जगदीशपुर, तिलोई और सलोन के इन कार्यकर्ताओं के रहने-खाने की व्यवस्था का खर्च भी स्मृति ने ही उठाया है।
2014 के नतीजों से उत्साहित भाजपा
पिछले चुनाव ही नहीं, बल्कि पिछले 2004 से अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव जीत रहे हैं। यही नहीं लम्बे अरसे से यह सीट गांधी परिवार के कब्जे में रही है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट से स्मृति ईरानी को उतार कर राहुल गांधी को सीधी चुनौती दी थी।
नतीजतन, पिछले दो चुनावों में तीन लाख के अन्तर से अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी को हराने वाले राहुल स्मृति को केवल एक लाख ही वोटों से हरा पाए। कांग्रेस खासतौर से राहुल के गढ़ से आए इस नतीजे से भाजपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी खेती लहलहाने की उम्मीद नजर आ रही है।
चुनाव हारने के बाद भी स्मृति ने नहीं छोड़ा अमेठी
2014 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद स्मृति ईरानी ने अमेठी का साथ नहीं छोड़ा, बल्कि बीच-बीच में आकर कार्यकर्ताओं से मिलती रहीं। यही नहीं अपनी सासंद निधि के साथ केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार की मदद से भी कई विकास कार्य भी यहां कराए। पिछले साल 10 अक्तूबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अमेठी में कई विकास कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास करके स्मृति ईरानी के दोबारा अमेठी से लड़ने के दावे पर अपनी सहमति दे दी थी।
अपनी सभा में शाह और स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर सीधा हमला बोलकर कांग्रेस के लिए तो परेशानी खड़ी कर दी थी, लेकिन श्री शाह ने अपनी यात्रा से भाजपा कार्यकर्ताओं के हौसले बुलन्द कर दिए थे।
गुजरात चुनाव में अमेठी के निकाय चुनाव की जीत को भुनाया
उसी का नतीजा था कि स्थानीय निकाय चुनावों में अमेठी संसदीय क्षेत्र के चार निकायों में से भाजपा ने तीन में जीत हासिल की। अमेठी में मिली इस जीत को भाजपा ने गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ भुनाया। इन चारों निकायों के जीते अध्यक्षों को लेकर भाजपा ने गुजरात में चुनाव प्रचार भी किया।