September 22, 2024

13 साल में 10 गुणा बढ़ी राहुल-सोनिया, मुलायम की संपत्ति, राजनीति में धनबल और बाहुबल का जोर जारी

राजनीति में धनबल और बाहुबल का जोर सालों से जारी है। बीते एक दशक में राजनेताओं की संपत्ति भी करीब 10 गुणा बढ़ चुकी है। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले एडीआर की रिपोर्ट में ये बातें सामने आई है। उत्तर प्रदेश में साल 2004 से 2017 के बीच हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों के नतीजों का विश्लेषण करने के बाद एडीआर ने यह रिपोर्ट दी है। एडीआर यानि कि असोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश की राजनीति में धनबल और बाहुबल का जोर है। साल 2004 से 2017 के बीच संसद और विधानसभा पहुंचने वाले 38 फीसदी माननीयों की पृष्ठभूमि आपराधिक रही है। इसमें 23 फीसदी सांसद-विधायकों पर हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा और रेप जैसे गंभीर अपराधों के मुकदमे हैं। इस दौरान कई बार चुने गए सांसदों और विधायकों की संपत्ति में भी अप्रत्याशित इजाफा हुआ है। 

एडीआर के फाउंडर मेंबर प्रो. त्रिलोचन शास्त्री और यूपी इलेक्शन वॉच के संयोजक संजय सिंह ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस रिपोर्ट में 2004 से 2017 के बीच हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 19971 उम्मीदवारों और 1443 सांसद-विधायकों की पृष्ठभूमि का विश्लेषण किया गया है। 

राहुल-सोनिया की संपत्ति 10 गुना, मेनका की 5 गुना बढ़ी

sonia and rahul

2004 से अब तक 235 सांसदों का शपथपत्र देखा गया तो सांसदों की औसत संपत्ति 6.08 करोड़ रुपये है। पिछले तीन चुनावों में लगातार जीतने वाले पांच सांसदों की संपत्ति अप्रत्याशित दर से बढ़ी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की संपत्ति 2004 के 55.38 लाख से करीब 16 गुना बढ़कर 2014 में 9.40 करोड़ रुपये से अधिक हो गई।

सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की संपत्ति 13 गुना बढ़ी है, जबकि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की संपत्ति में लगभग 10 गुना का इजाफा हुआ है। भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की संपत्ति भी पांच गुना बढ़ी है। 

भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा, हर पार्टी में दागी

mayawati, akhilesh yadav

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार समाजवादी पार्टी के 42 फीसदी, भाजपा के 37 फीसदी, कांग्रेस के 35 फीसदी, बसपा के 34 फीसदी और राष्ट्रीय लोक दल के 21 फीसदी प्रतिनिधियों ने अपने ऊपर आपराधिक मुकदमे घोषित किए हैं। विधानसभावार देखा जाए तो 2012 में सर्वाधिक 45 फीसदी दागी चुनकर आए थे जबकि 2007 और 2012 में यह आंकड़ा 35 फीसदी रहा।

बसपा में सबसे अधिक करोड़पतियों को मिला टिकट 

सालों में लोकसभा-विधानसभा के चुनावों में बसपा ने सर्वाधिक 59 फीसदी करोड़पतियों को टिकट दिया। सपा ने 55 फीसदी, भाजपा ने 52 और कांग्रेस ने 42 फीसदी करोड़पतियों को टिकट दिया। जीतने वाले उम्मीदवारों के आंकड़े में भाजपा ने बाजी मारी है। भाजपा के 73 फीसदी सांसद-विधायक करोड़पति रहे हैं। सपा में 58 फीसदी, बसपा में 42 फीसदी, जबकि कांग्रेस में 52 फीसदी सांसद-विधायक करोड़पति हैं। 


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