उत्तराखंड के खेल मंत्री ने उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन पर लगाए गंभीर आरोप
जी हां उत्तराखण्ड के शिक्षा और खेल मंत्री अरविंद पांडे के इस बयान ने फिर नए विवाद को जन्म दे दिया है। इस बार मंत्री के तल्ख तेवरों के निशाने पर उत्तराखण्ड की क्रिकेट एसोसिएशन हैं। खेल मंत्री ने उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन पर महिला क्रिकेटरों के यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। इतना हीं नहीं अरविंद पांडे ने उत्तराखण्ड की क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े कुछ लोगों पर सूबे के क्रिकेट खिलाड़ियों का भविष्य चौपट करने की तोहमत भी लगाई है। खेल मंत्री यहीं नहीं रूके बल्कि उन्होंने यहां तक कहा कि वे क्रिकेट एसोसिएशन को बर्बाद कर छोड़ेंगे। मंत्री का दावा है कि उनके पास तमाम सबूत मौजूद हैं। खेल मंत्री के इन सनसनीखेज आरोपों के बाद सरकार भी सकते में है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मामले का संज्ञान लेते हुये कहा कि कोई शिकायत आई तो सरकार इस मामले की जांच कराएगी। गौरतलब है कि उत्तराखण्ड क्रिकेट को 17 साल बीत जाने के बाद भी बीसीसीआई से मान्यता नहीं मिल पाई। इसके पीछे एक ही कारण है कि उत्तराखण्ड की क्रिकेट एसोसिएशन अभी तक एक नहीं हो पाई हैं। इस वक्त राज्य में मौजूद उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड, उत्तरांचल क्रिकेट एसोसिएशन और यूनाइटेड क्रिकेट एसोसिएशन का आपस में विवाद चल रहा है। हर एसोसिएशन खुद को बीसीसीआई से मान्यता दिलवाना चाहती है और बीसीसीआई तब तक मान्यता नहीं दे सकती जब तक ये चारों एसोसिएशन एक न हो जाएं क्योंकि मान्यता केवल एक एसोसिएशन को ही मिल सकती है।
खेल मंत्री एसोसिएशन की व्यवहार से परेशान होकर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। जिस पर विपक्षी कांग्रेस का कहना है कि खेल मंत्री केवल आरोप न लगाएं। सबूत पेश कर कार्रवाई करें। बहरहाल अपने आरोपों के बाद खेल मंत्री फिलहाल खामोश हैं। लेकिन जो आरोप उन्होंने सरे आम क्रिकेट एसोसिएशन पर लगाये हैं। देर सबेर उन्हें इसके सबूत भी सार्वजानिक कर संबधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी करनी होगी। वरना खुद उनकी नीयत पर भी सवाल उठना लाजमी हैं।