श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय: कर्मठ कुलपति को मिली पुनः नियुक्ति
देहरादूनः श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति और प्रख्यात शिक्षाविद् डा. उदय सिंह रावत को विश्वविद्यालय के कुलाधिपति द्वारा दिनांक 01 जून 2019 से पुर्ननियुक्ति प्रदान की गयी है। डा. रावत आगामी छह माह के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति बने रहेंगे। सरकार द्वारा डा. रावत को कुलपति पद पर पुर्ननियुक्ति दिये जाने पर विश्वविद्यालय परिवार में खुशी का माहौल है।
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति डा. उदय सिंह रावत का दिनांक 31 मई 2019 को कार्यकाल समाप्त होने पर राज्य सरकार की संस्तुति पर कुलाधिपति द्वारा दिनांक 01 जून 2019 से आगामी छह माह हेतु पुर्ननियुक्ति प्रदान की गयी है। गौरतलब है कि डा. रावत विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति भी है और अपनी कर्मठता, विशेषज्ञता और अनुभव के बल वह पिछले सात साल से विश्वविद्यालय में कुलपति के पद पर सेवारत हैं। जो कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखंड के इतिहास में एक अलग ही कीर्तिमान है। डा. रावत द्वारा अपनी कुशल कार्यशैली, अथक परिश्रम और ईमानदारी से पूर्व और वर्तमान कुलाधिपतियों को प्रभावित किया जाता रहा है, जिसके फलस्वरूप प्रत्येक कुलाधिपति/मा0 राज्यपालों द्वारा समय-समय उन्हें श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ-साथ राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों(तकनीकी विश्वविद्यालय एवं हे0नं0ब0चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय) का भी अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था, जिसका डा. रावत ने पूर्ण मनोयोग एवं निष्ठापूर्ण ढंग से कुलपति पदीय कर्तव्यों का निर्वहन किया ।
सर्वप्रथम राज्यपाल महोदया, राज्य सरकार और उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत जी का आभार प्रकाट करता हूं कि उन्होंने मेरे पर भारोसा जताया। हम सम्पूर्ण रूप से उनकी आशाओं और अपेक्षाओं पर खरे उतरने की पूरी कोशिश करेंगे। वर्तमान में जहां तक मेरा मुख्य उद्देश्य है वह विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षाओं का सफल संचालन कर समय पर परीक्षाफल घोषित करना है।
– डा. उदय सिंह रावत, कुलपति, श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय।
डा. रावत ने अपने अनुभव और कुशल प्रबंधन के चलते एक नवसृजित राज्य विश्वविद्यालय को न सिर्फ प्रदेश के नामी विश्वविद्यालयों की पंक्ति में खड़ा किया बल्कि श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय को छात्र संख्या के हिसाब से सबसे बड़ा विश्वविद्यालय बनाने का गौरव भी प्राप्त किया, साथ ही पर्वतीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में उच्च शिक्षा की सुगम पहुंच के लिए संस्थानों को सम्बद्धता प्रदान करने हेतु कार्यवाही की गयी। इतना ही नहीं डा. रावत ने अपने अनुभव के बल पर सीमित मानव संसाधन के बावजूद भी विश्वविद्यालय का कुशल संचालन किया और समय पर परीक्षाओं का आयोजन से लेकर उनके परिणाम जारी किये।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान, विश्वविद्यालय के प्रति निष्ठा और अथक मेहनत के चलते राज्य सरकार की संस्तुति पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति द्वारा डा. रावत को श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर पुर्ननियुक्ति प्रदान की है, जिससे विश्वविद्यालय के कार्यों में दु्रतगति आने के साथ-साथ सरकार की मंशा के अनुरूप उच्च शिक्षा का उन्नयन होगा