September 22, 2024

प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना इलाज खर्च की तय होगी सीमा? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट हॉस्पिटल्स एसोसिएशन से पूछा है कि प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान भारत योजना की रियायती रेट पर  कोरोना के सभी मरीजों का इलाज कर सकते हैं या नहीं? प्राइवेट हॉस्पिटल्स एसोसिएशन के जवाब पर दो हफ्ते बाद होगी सुनवाई। केंद्र सरकार ने कहा है कि इस सम्बंध में सरकार भी जवाब दायर करेगी।

प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना के सभी मरीजों का इलाज आयुष्मान भारत योजना की रियायती रेट पर किये जाने की मांग वाली याचिका पर दलील देते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि इस योजना के मरीजों का एक दिन के इलाज पर अधिकतम 4000 रु खर्च होते हैं वहीं जिसे इस योजना का लाभ नहीं है उससे प्राइवेट अस्पताल एक दिन का 5 लाख रु तक वसूलते हैं। कोरोना के इलाज में जो आदमी आयुष्मान भारत योजना के तहत नहीं आता उसको भी इस योजना की रियायती दर पर इलाज होना चाहिए।

याचिकाकर्ता की इस मांग पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कोरोना के सभी मरीजों को इस योजना का लाभ मिलना चाहिए। हेल्थकेयर कमीशन की तरफ से पेश हो रहे वकील हरीश साल्वे ने कहा कि कोरोना के चलते बाकी मरीज अस्पतालों में नहीं आ रहे हैं। अस्पतालों का बिजनेस 60 से 70 प्रतिशत तक कम हो गया है।

अस्पतालों को मुश्किल हो रही है। अस्पतालों की तरफ से बोलते हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि दिल्ली का सर गंगाराम हॉस्पिटल कोविड हॉस्पिटल में बदल दिया गया है। कोई बिजनेस नहीं। आजकल कोरोना मरीजों के अलावा कोई अस्पताल नहीं आ रहा है। सबको अगर रियायती दर पर इलाज किया गया तो अस्पताल बंद हो जाएंगे!  इसपर मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि – आप अच्छे कॉज के लिए बलिदान दे रहे हैं!

उसके बाद कोर्ट ने प्राइवेट हॉस्पिटल्स के वकील से पूछा कि आप कोरोना के सभी मरीजों का इलाज आयुष्मान भारत योजना वाली रेट पर कर सकते हैं। प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने कोर्ट के सवाल पर अपनी राय देने के लिए समय मांगा है। दो हफ्ते बाद इस मामले में फिर सुनवाई होगी।

इस मामले पर सुनवाई से पहले प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज मुफ्त किये जाने को लेकर हुई सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ‘सभी प्राइवेट अस्पतालों को मुफ्त इलाज के लिए नहीं कहा जा सकता लेकिन जो अस्पताल सरकारी जमीन पर बने हैं उन अस्पतालों को ऐसे समय में मुफ्त इलाज जरूर करना चाहिए। इसपर प्राइवेट अस्पतालों के वकील ने बताया कि ऐसे हॉस्पिटल पहले से ही कोरोना के मरीजों का फ्री इलाज कर रहे हैं।


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