मोरेटोरियम पर सुप्रीम कोर्ट की सरकार को फटकार, दिया ये बड़ा बयान
कोरोना महामारी के चलते मोरेटोरियम अवधि के दौरान टाली गई EMI पर ब्याज न लेने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार आरबीआई के पीछे नहीं छुप सकती, इसे बैंकों की मर्जी पर नहीं छोड़ा जा सकता। सरकार को अपना स्टैंड क्लियर करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से एक हफ्ते में हल्फ़नामा दायर करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 1 सितंबर को होगी।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि भारत सरकार की तरफ से सुनवाई को बार बार सुनवाई टालने की मांग की जा रही है, अभी तक कोई भी हलफनामा नही दाखिल किया गया है, ना तो SBI, ना ही RBI ने। जस्टिस अशोक भूषण ने सॉलिसिटर जनरल सेकहा कि आपको अपना पक्ष एकदम साफ रखना चाहिए। जस्टिस भूषण ने कहा कि ऐसा इस लिए हो रहा है सरकार ने पूरे देश को लॉक डाउन किया था। जस्टिस भूषण ने कहा कि सरकार को हमें आपदा प्रबंधन अधिनियम पर अपना रुख बताना होगा और यह भी बताना होगा कि क्या ब्याज पर ब्याज का हिसाब किया जाएगा।
बेंच के दूसरे जज जस्टिस एम आर शाह ने कहा कि यह केवल व्यवसाय के बारे में सोचने का समय नहीं है।