सर्जिकल स्ट्राइक: कहीं भूल तो नहीं गए आज का दिन? जब गुस्से से उबल रहा था पूरा देश, भारत ने 11 दिनों में पाकिस्तान से लिया था बदला
पाकिस्तान की कायराना हरकतों का एक लंबा इतिहास रहा है। भारत ने उसकी इन्हीं हरकतों का हर बार मुंहतोड़ जवाब भी दिया है। जब 18 सितंबर, 2016 को जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में आतंकी हमला हुआ था, तो इसका बदला भी 11 दिनों के भीतर ले लिया गया था। आतंकी हमले में 18 जवान शहीद हुए थे। जब बदला लिया गया, वो दिन था 29 सितंबर, 2016 का। जिसे आज 6 साल का वक्त पूरा हो गया है। भारतीय सेना ने जो बदला लिया, वो पाकिस्तान आज तक नहीं भूला है। सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर सीमा पार पाकिस्तान में फल फूल रहे आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया था।
पाकिस्तान के खिलाफ यह इस तरह की पहली सर्जिकल स्ट्राइक थी। इसे सर्जिकल स्ट्राइक कहे जाने के पीछे का एक कारण ये भी है कि इसमें कोलेट्रल डैमेज काफी कम हुआ था। भारत जिन आतंकी शिविरों को निशाना बनाना चाहता था, केवल वही खत्म किए गए थे। ऐसा कहा जाता है कि भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन में 35 से 70 आतंकियों को ढेर कर दिया था। इस ऑपरेशन को भारत ने इतनी सफाई से अंजाम दिया था कि पाकिस्तान को इसकी भनक तक नहीं लगी थी। जब तक पाकिस्तान कुछ कर पाता, तब तक भारतीय सेना अपने ऑपरेशन को पूरा करके वापस लौट आई थी।
आतंकी शिविरों को किया गया था तबाह
भारत का मकसद सीमा पार मौजूद आतंकी शिविरों को निशाना बनाता था और वो इसमें पूरी तरह सफल भी रही। जबकि पाकिस्तान को इससे काफी बेइज्जती महसूस हुई थी क्योंकि जिस देश को वो अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है, उसी ने उसकी सीमा में आकर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी और उसे पता तक नहीं चला। बाद में पाकिस्तान ने ये मानने से ही इनकार कर दिया था कि भारत ने उसकी जमीन पर घुसकर इस मिशन को अंजाम दिया है। हालांकि भारतीय और विदेशी मीडिया ने बता दिया था कि सच क्या है।
भारतीय सेना ने किसी सर्जिकल स्ट्राइक को तब तक अंजाम नहीं दिया था। हालांकि अमेरिका की सेना पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन को ढेर कर चुपचाप वहां से निकल गई थी। इस तरह का नमूना भारत ने देख लिया था। वहीं 18 सितंबर को हुए उरी हमले की बात करें, तो इस दिन उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर आतंकी हमला हुआ था। जिसमें हमारे 18 जवान शहीद हो गए थे। ये भारतीय सेना पर हुआ सबसे बड़ा हमला माना जाता है। इसे सीमा पार पाकिस्तान में बैठे आतंकियों ने अंजाम दिया था। जिन्हें पालने पोसने का काम पाकिस्तान कर रहा था।
गुस्से से उबल रहा था पूरा देश
आतंकी हमला जिस दिन किया गया था, उसी दिन देशभर में बदला लेने की आवाज बुलंद हो गई। सरकार ने भी लोगों को निराश नहीं किया और सेना के साथ मिलकर इसपर रणनीति बनाई गई। जिसके बाद 11 दिनों के भीतर ही हमने बदला ले लिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के भीतर 3 किलोमीटर तक घुसकर आतंकी शिविरों को नेस्तनाबूत कर दिया था।
सेना ने ऑपरेशन को कैसे अंजाम दिया था?
भारत की इस तरह की पहली सर्जिकल स्ट्राइक को पूरा करने के लिए सेना के 70-80 जवान पाकिस्तान की सीमा में घुस गए थे। ये पैरा मिलिट्री स्पेशल फोर्स की चौथी और नौवीं बटालियन की तीन से चार टीम के सैनिक थे। भारतीय जवान गोलीबारी की आड़ में 29 सितंबर की आधी रात को एलओसी को पार कर पाकिस्तान में दाखिल हुए थे। वह पैदल ही पाकिस्तान की जमीन पर 1 से 3 किलोमीटर तक अंदर गए और आतंकी शिविरों को नष्ट करना शुरू कर दिया।
सेना ने इसके लिए रॉकेट लॉन्चर और हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल किया था। ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद भारतीय सेना की सभी टीमें दोबारा भारत की सीना के भीतर लौट आईं। इतने बड़े इस ऑपरेशन में हमारा केवल एक जवान ही घायल हुआ था। सरकार ने बाद में साल 2018 में सर्जिकल स्ट्राइक के फुटेज भी जारी किए थे।