उत्कृष्टता और सुशासन के लिए मुख्यमंत्री पुरस्कार से सम्मानित शिक्षा अधिकारी का सस्पेंशन

देहरादून, जेएनएन। गणतंत्र दिवस पर शिक्षा में उत्कृष्टता और सुशासन के लिए मुख्यमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के कुछ ही घंटे बाद ही उत्तराखंड सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों में अल्मोड़ा के मुख्य शिक्षा अधिकारी जगमोहन सोनी को हटा दिया। जगमोहन सोनी शनिवार को अल्मोड़ा में एक भव्य समारोह में केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा और उत्तराखंड के मंत्री हरक सिंह रावत से पुरस्कार ग्रहण कर रहे थे, जबकि उन्हें हटाने का आदेश देहरादून में टाइप किया जा रहा था। मामला इतना गंभीर था कि राज्य के शिक्षा सचिव भूपिंदर कौर औलख को गणतंत्र दिवस पर कार्यालय आने और निष्कासन पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया।
मामला कुछ यूं है। शुक्रवार रात शिक्षा मंत्री अल्मोड़ा के होटल में रुके थे। मंत्री के आने की सूचना पर बड़ी संख्या में लोग उन्हें मिलने वहीं होटल पहुंच गए। उनकी शिकायत थी कि अशासकीय स्कूलों में रिक्त पदों पर भर्ती के नाम पर शिक्षा अफसर लूट खसोट कर रहे हैं। चूंकि शिक्षा मंत्री अशासकीय स्कूलों में नियुक्ति की प्रक्रिया को काफी सख्त कर चुके हैं। इंटरव्यू में नंबर भी 25 से घटाकर 5 कर दिए हैं। इससे अफसरों को नौकारियां बेचने का मौका नहीं मिल रहा। इसलिए अब अफसरों ने नया तरीका निकाल लिया है। स्कूलों की भर्ती की अनुमति देने के नाम पर लाखों रुपये मांगे जा रहे हैं।
नियमानुसार अशासकीय स्कूल में रिक्त पद पर भर्ती के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय से अनुमति लेना अनिवार्य होता है। इसी का फायदा उठाते हुए दबाव बनाया जा रहा है। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि अफसर कहते है कि यह पैसा अपर निदेशक, निदेशक और मंत्री ऑफिस तक देना होता है। इसलिये पदों की संख्या के अनुसार लाखो रुपये की मांग की जाती है। पैसा न देने पर अनुमति नहीं दी जाती।
यह सुनते ही मंत्री का पारा सातवें आसमान तक चढ़ गया। उन्होंने अपने ओएसडी नरेंद्र तिवारी को तत्काल शिक्षा सचिव से बात करने और मुख्य शिक्षा अधिकारी को हटाने की कार्रवाई के निर्देश दिये। मंत्री के निर्देश जानकारी में आने पर शिक्षा सचिव ने गणतंत्र दिवस की छुट्टी के बावजूद दफ्तर खुलवाया। सोनी को तत्काल प्रभाव से हटाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्हें फौरन शिक्षा निदशालाय में ज्वाइन करने की हिदायत दी गई है।