शिक्षक दिवस की पर गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम नेताओं ने दिया खास ये संदेश, डॉ. एस राधाकृष्णन को ऐसे किया याद
आज देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिन है। इस मौके पर देशभर में आज शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम राजनीतिक हस्तियों ने देशवासियों को बधाई दी है और देश के पहले उप राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर भी उन्हें याद किया है।
शिक्षक दिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी गुरुओं को बधाई दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा कि शिक्षक अपने ज्ञान से न केवल बच्चों को शिक्षित कर उनके भविष्य को संवारता है बल्कि एक सशक्त राष्ट्र को आकार देने में भी अद्वितीय योगदान देता है।
शिक्षक अपने ज्ञान से न केवल बच्चों को शिक्षित कर उनके भविष्य को संवारता है बल्कि एक सशक्त राष्ट्र को आकार देने में भी अद्वितीय योगदान देता है।
प्रख्यात शिक्षाविद भारतरत्न डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती पर उन्हें नमन व सभी परिश्रमी गुरुजनों को 'शिक्षक दिवस' की शुभकामनाएं। pic.twitter.com/9j9FP6LgPe
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) September 5, 2022
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी शिक्षक दिवस की बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि पूर्व राष्ट्रपति व महान शिक्षाविद, भारत रत्न डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती पर कोटिशः नमन। आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। शिक्षा के महत्व को सर्वोपरि रखने वाले डॉ.राधाकृष्णन का आदर्श जीवन, सहज व्यक्तित्व, सेवाभाव आज भी हमें प्रेरित करता है।
पूर्व राष्ट्रपति व महान शिक्षाविद, भारत रत्न डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती पर कोटिशः नमन।
आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।शिक्षा के महत्व को सर्वोपरि रखने वाले डॉ.राधाकृष्णन का आदर्श जीवन, सहज व्यक्तित्व, सेवाभाव आज भी हमें प्रेरित करता है।
— Jagat Prakash Nadda (Modi Ka Parivar) (@JPNadda) September 5, 2022
आपको बता दें कि भारत में, शिक्षक दिवस 1962 से 5 सितंबर को मनाया जाता है, जो भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है। डॉ राधाकृष्णन राजनीति में आने से पहले प्रोफेसर थे। उन्होंने विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और आंध्र प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में भी कार्य किया। इसके अलावा, उन्होंने कई वर्षों तक ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ाया।
महान नेता को 1952 में भारत के पहले उपराष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया था और कार्यालय में दस साल की सेवा के बाद, वह राजेंद्र प्रसाद के उत्तराधिकारी बने, 1962 में भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने। जिस वर्ष उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण किया, उनके छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने उन्हें सुझाव दिया कि देश के भविष्य को संवारने के लिए निस्वार्थ भाव से काम करने वाले सभी शिक्षकों के सम्मान में वे उनका जन्मदिन मनाने के बजाय इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाएं।
तब से, देश भर के छात्र 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं। वे अपने-अपने स्कूलों के विभिन्न शिक्षकों की भूमिका निभाते हैं। वे उन्हें सम्मान देने के लिए फूल और कार्ड भी उपहार में देते हैं और अन्य प्रतियोगिताओं के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम, वाद-विवाद और प्रश्नोत्तरी आयोजित करते हैं।