ख़बर का असरः सीएम ने लिया ख़बर का संज्ञान, सीईओ की छुट्टी,स्कूल बंद का आदेश बदलेगा

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देहरादूनः मुख्यमंत्री की विधानसभा क्षेत्र में दुर्गम श्रेणी के स्कूलों का विलयीकरण किये जाने की ख़बर का संज्ञान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ली। मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण को गंभीर बताया। उन्होंने ‘दस्तावेज’ की ख़बर का संज्ञान लेते हुए उच्च अधिकारियों को दिशा-निर्देशित किया। वहीं इस पूरे प्रकरण में सीईओ की भूमिका को देखते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से चमोली स्थानांतरण कर दिया गया है। आपके लोक प्रिय न्यूज पोर्टल ‘दस्तावेज’ में ‘ मुख्यमंत्री की विधानसभा में स्कूल बंद, संशय में गुदड़ी के लाल’ शीर्षक से ख़बर प्रकाशित होने पर छात्रों, अभिभावकों और ग्रामीणों ने दिल से आभार जताया।

मर्ज नहीं ‘मर्ज’ ढूंढ़िये

छात्र संख्या कम होने पर शिक्षा विभाग बिना किसी जांच के सीधे स्कूलों को मर्ज करने की कार्रवाई कर देते है। विभाग के आलाधिकारी स्थानीय परिस्थियों का अध्ययन किये बिना स्कूलों का बंद करने का फरमान सुना देते हैं। अधिकारियों के इस क्रूरतापूर्ण रवैये का सीधा प्रभाव बाल मन पड़ता है। इसके अलावा अभिभावक और शिक्षक भी इस तनाशाही फैसले से आहत होते हैं। विभाग को चाहिये कि वह स्कूलों का बिंदुवार आंकलन कर उसकी समस्या का हल करे। अगर लंबे समय तक स्थिति में सुधार नहीं होता तो उसके पश्चात विभाग विलीनीकरण की कार्यवाही अमल में लाने को स्वतंत्र है। लेकिन यहां स्थिति एकदम उलट है विभागीय अधिकारी छात्र संख्या कम होने पर सीधे विलीनीकरण की कार्रवाही कर डालते हैं जो कि सारासर गलत और दुर्भाग्यपूर्ण है।

ग्रामीणों की सीएम से अपील

राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय घमण्डपुर के विलीनीकरण की खबर से रैनापुर ग्रांट ग्राम पंचायत के लोग आहत है। ग्रामीणों का कहना है कि इस खबर ने उनको झकझोर कर रख दिया है। छात्रों के अभिभावकों का कहना है कि बड़ी मुश्किल से सरकार द्वारा यहां स्कूल खोला गया था। लेकिन शिक्षा विभाग ने इसे बंद करने का फरमान दे दिया है। स्थानीय महिलाओं का कहना है कि वह अपने बच्चों को कहां पढ़ायेंगी। महिलाओं का कहना है कि रानीपोखरी यहां से 6 किमी दूर है और जंगल का रास्ता है। हाथियों और जंगली जानवर का डर बना रहता है। ऐसे में हम अपने मासूमों को कैसे अपने से दूर भेज देंगे। ग्रामीणों का कहना है कि हमने मुख्यमंत्री को यहां से ऐसे थोड़ा न जिताया है। मुख्यमंत्री को हमारी समस्या को सुनना चाहिए और स्कूल को बंद होने से रोकना चाहिए। वहीं ग्राम पंचायत रैनापुर ग्रांट के प्रधान द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को इस मामले में हस्तक्षेप करने लिए पत्र भेजा गया है। इस पत्र के माध्यम से उन्होंने अपील की है कि गांव के गरीब बच्चों की शिक्षा अधूरी रह जायेगी। लिहाजा वह स्कूल बंद न करने के लिए शिक्षा विभाग को आदेश दें।

पहाड़ नहीं जाना साहब!

सूत्रों की माने तो जिस मुख्य शिक्षा अधिकारी ने मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में स्कूलों के विलय की कार्रवाई की थी वह अधिकारी अपने स्थानानंतरण रोकने के लिए ऐडी-चोटी का जोर लगा रही है। सूत्रों का कहना है कि इस महिला अधिकारी का स्थानानंतरण चमोली डायट में कर दिया गया है। लेकिन यह महिला अधिकारी पहाड़ जाने को तैयार नहीं है। लिहाजा सीएम के करीब के मार्फत दबाव बनाया जा रहा है। बिडंबना देखिए कि जो अधिकारी पहाड़ जाने से इतना कतरा रहा हो उस अधिकारी ने कभी यह नहीं सोच था कि इन स्कूलों का मर्ज किया जा रहा है उन में छोटे-छोटे मासूम पढ़ते हैं। वह कैसे जंगलों के रास्ते दूसरे स्कूल पहुंचेंगे। वह भी तब जब बरसात सर पर हो।

क्या मुख्यमंत्री पर निकाली खुन्नस?

सूत्रों का यह भी कहना है कि इस महिला अधिकारी का स्थनांतरण विगत माह हो चुका था लेकिन वह पहाड़ जाने को तैयार ही नहीं थी। इस महिला अधिकारी ने अपने स्थानांतरण को लेकर चारों ओर से विभागीय अधिकारियों पर दबाव बनाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। लिहाजा महिला अधिकारी ने मुख्यमंत्री पर अपनी खुन्नस निकाल दी और सीएम के विधानसभा क्षेत्र में स्कूलों का विलय कर मुख्यमंत्री की क्षेत्र में किरकिरी करवा दी।

भारद्वाज होंगे नए मुख्य शिक्षा अधिकारी

देहरादून की मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली का स्थानांतरण कर दिया गया है। आशा रानी पैन्यूली को डायट चमोली के प्राचार्य पद के लिए कार्य मुक्त कर दिया है। उनके स्थान पर देहरादून के नये मुख्य शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज होंगे। वहीं आनंद भारद्वाज ने सीईओ देहरादून का पदभार ग्रहण कर दिया है।

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