September 22, 2024

मंत्री बेखबर और अफसरों ने जारी कर दी नियमावली!

देहरादून। राज्य में प्रधानाचार्य के 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती के फैसले के खिलाफ शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया। शिक्षक इस बात से ज्यादा नाराज हैं कि शिक्षा मंत्री डॉ० धन सिंह रावत संशोधित नियमावली जारी होने के बाद सुझाव मांग रहे हैं।

शनिवार को राजकीय शिक्षक संघ के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी ने मंत्री ज्ञापन भेजकर नाराजगी जाहिर की। सरकार ने नौ सितम्बर की कैबिनेट बैठक में सीधी भर्ती का निर्णय किया था। इसके बाद 15 सितंबर को शिक्षा सचिव रविनाथ रमन की ओर से भर्ती प्रक्रिया के मानक तय करते हुए संशोधित नियमावली जारी कर दी गई।

विधिवत आदेश के एक सप्ताह बाद मंत्री के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने प्रधानाचार्य परिषद् एवं राजकीय शिक्षक संघ से प्रस्ताव मांगने शुरू किए। सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड से बाहर होने के कारण शिक्षा मंत्री तब कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हो पाए थे। शिक्षकों के विरोध करने के बाद मंत्री ने कहा था कि अंतिम निर्णय से पहले शिक्षकों से वार्ता होगी। इससे पहले कि बात शुरू होती नियमावली जारी कर दी गई।

आदेश निरस्त किया जाएः शिक्षक संघ का आरोप है कि एक ओर सरकार वार्ता का दिखावा करती है, दूसरी ओर गुपचुप आदेश कर दिया जाता है। उन्होंने सीधी भर्ती के आदेश को निरस्त करने की मांग की। तीन सौ छात्रों वाले स्कूलों में उप-प्रधानाचार्य पद सृजित करने की मांग भी उठाई।

मंत्री ने दिया आश्वासनः विरोध को देखेते हुए मंत्री ने फोन पर शिक्षकों से बात की। उन्होंने सुझाव भी मांगे। दशहरने के बाद वे प्रधानाचार्य और शिक्षकों से वार्ता कर सकते हैं। अगर नियमावली में संशोधन करना होगा तो फिर कैबिनेट में ही जाना पड़ेगा।


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