September 22, 2024

पहली जून को केरल पहुंच सकता है मानसून, लेकिन उत्तर भारत में गर्मी से जल्द राहत नहीं

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार केरल में पहली जून से दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं, अत: दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत पहली जून से हो सकती है जोकि आईएमडी के पूर्व अनुमान से चार दिन पहले है।

मौसम विभाग ने पहले पांच जून को दक्षिण-पश्चिम मानसून के केरल पहुंचने का अनुमान लगाया था। मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पूर्व और उससे सटे पूर्वी-मध्य अरब सागर के ऊपर 31 मई से 4 जून के दौरान एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है जोकि मानसून के पहली जून को केरल पहुंचने के अनुकूल हैं।

मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में यह भी कहा गया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून मालदीव-कोमोरिन क्षेत्र के कुछ हिस्सों, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और अंडमान सागर एवं अंडमान निकोबार द्वीप समूह के शेष हिस्सों में आगे बढ़ा है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून और आगे ही बढ़ता जाएगा क्‍योंकि अगले 48 घंटों के दौरान मालदीव-कोमोरिन क्षेत्र के कुछ और हिस्सों में इसके लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं। यह केरल में मानसून के दाखिल होने और बारिश के मौसम की शुरुआत के लिए शुभ संकेत है।

आईएमडी  के अनुसार उत्तर और मध्य भारत के कई हिस्सों में चल रही गर्म हवाएं गुरुवार को भी जारी रहने का अनुमान हैं। इस दौरान पूर्वोत्तर के मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में तेज बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर-पश्चिम भारत, मध्य भारत के मैदानी इलाकों और इससे सटे हुए पूर्वी भारत के कुछ भागों में शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण, वर्तमान लू की स्थिति अगले 24 घंटों के दौरान जारी रहने की आशंका है। मौसम विभाग के मुताबिक गुरुवार की शाम या रात से 30 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। शुक्रवार और शनिवार को हल्की बारिश से तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है। भयंकर लू का सामना कर रहे उत्तर भारत के राज्यों को शुक्रवार से थोड़ी राहत मिल सकती है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते मौसम में बदलाव होने से यह मुमकिन होगा।

उत्तर भारत की तरफ एक पश्चिमी विक्षोभ आने वाला है

मौसम की जानकारी देने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट के अनुसार उत्तर भारत की तरफ एक पश्चिमी विक्षोभ आने वाला है। यह सिस्टम इस समय उत्तरी अफगानिस्तान और आसपास के भागों पर है। एक ट्रफ पूर्वी उत्तर प्रदेश से बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और असम होते हुए नागालैंड तक फैला हुआ है। तटीय कर्नाटक पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा अरब सागर के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों पर बना चक्रवाती सिस्टम अब दक्षिण-पश्चिमी भागों पर पहुँच गया है। एक ट्रफ छत्तीसगढ़ से तेलंगाना और रायलसीमा होते हुए आंतरिक तमिलनाडु तक बनी हुई है। एक अन्य चक्रवाती सिस्टम बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों पर दिखाई दे रहा है।

हरियाणा, दिल्ली, दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान में भीषण गर्मी जारी रहेगी

अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में बारिश की गतिविधियाँ कुछ हद तक कम हो जाएंगी लेकिन मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में बारिश बढ़ेगी। पश्चिम बंगाल एवं बिहार के कई हिस्सों और झारखंड के पूर्वी हिस्सों में बारिश की गतिविधियाँ संभव हैं। उत्तर प्रदेश और ओडिशा में भी कुछ स्थानों पर हल्की बारिश के आसार हैं। एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी राज्यों में बारिश की गतिविधियों को बढ़ाएगा।

उत्तरी पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी कुछ जगहों पर धूल भरी आंधी चलने या बादलों की गर्जना के साथ हल्की वर्षा होने के आसार हैं। हरियाणा, दिल्ली, दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी जारी रहेगी। लेकिन तापमान में मामूली कमी आने की उम्मीद है। राजस्थान, मध्य प्रदेश के कई हिस्सों, छत्तीसगढ़ और आंतरिक महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों पर लू का प्रकोपा जारी रहने की उम्मीद है। इन भागों में मौसम शुष्क ही रहेगा। केरल, दक्षिणी-आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में प्री-मॉनसून वर्षा जारी रहने की उम्मीद है। अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप पर मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।

हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के कई हिस्सों में गर्मी चरम पर

बीते 24 घंटों के दौरान राजस्थान समेत हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के कई हिस्सों में गर्मी अपने चरम पर पहुंची। इन भागों में ज़बरदस्त लू का प्रकोप देखने को मिला। दिल्ली और राजस्थान में सामान्य जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और गुजरात के भी कुछ हिस्सों में लू का प्रकोप जारी रहा। असम, मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय पर भारी से अति भारी बारिश हुई। शेष पूर्वोत्तर भारत, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बिहार के पूर्वी भागों और गंगीय पश्चिम बंगाल में भी कुछ स्थानों पर मध्यम से तेज़ बौछारें दर्ज की गईं। केरल, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश हुई। जम्मू-कश्मीर, मुज़फ़्फ़राबाद, गिलगित-बाल्टिस्तान और उत्तराखंड में हल्की वर्षा रिकॉर्ड की गई।


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