September 22, 2024

प्रदूषण पर SC ने केंद्र और राज्य सरकारों को लगाई फटकार, कहा- मुद्दे को घुमाने की कोशिश ना हो

दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एन वी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस डी वाय चंद्रचूड़ की बेंच सुनवाई कर रही है। इस दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आपने पराली का योगदान 10% कहा था और हलफनामे में 4% है, जिसपर केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह कुछ निर्धारित समय के लिए कहा गया था।

दिल्ली सरकार ने वकील अभिषेक मानुसिंधवी ने कहा कि जब पराली जलाने की बात होती है, सब जानते है कि अक्टूबर और नवंबर में बहुत ज़्यादा होती है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा फोकस प्रदूषण को कम करना है, जो गाड़ी धूल अन्य चीजों से हो रहा है, आप लोग मुद्दे को क्यों भटकाना चाहते हैं और गैर जरूरी मुद्दों को बार-बार क्यों उठाया जा रहा है।

सीजेआई ने कहा कि हम यहां बहस करने नहीं आए हैं। हल निकालने आएं हैं कि कैसे दिल्ली को प्रदूषण कम किया जाए। ताकि लोग ठीक रहें। हम किसानों को दंडित या परेशान नहीं करना नहीं चाहते हैं। राज्य सरकार इस मामले का ख्याल रखें।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सिंघवी से पूछा कि दिल्ली सरकार ने हाल-फिलहाल क्या निर्णय लिए हैं। जिसपर दिल्ली सरकार के वकील सिंघवी ने कहा कि निर्माण कार्य रोक दिया गया। एंटी डस्ट कैंपेन अक्टूबर से चलाया जा रहा है।

सीजेआई ने कहा कि पिछले हलफनामे में यही था। सिंघवी ने कहा कि केंद्र ने हलफनामे में आयोग के जो निर्णय बताएं हैं, उनमें सर्वाधिक भूमिका दिल्ली को निभानी है। केंद्र सरकार द्वारा सुझाए गए 90 प्रतिशत सुझावों को दिल्ली सरकार पहले ही लागू कर चुकी है।

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आप कह रहे हैं कि 15 से 10 साल पुरानी पेट्रोल डिज़ाल की गाड़ी को बैन करेंगे, लेकिन इसको लागू करने में कितना समय लगेगा यह बताइये। आप कह रहे हैं कि सभी गैर जरूरी इंडस्ट्री को बंद कर देंगे।

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सीएनजी की बसों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

दिल्ली सरकार ने कहा कि बसों की संख्या को बढ़ाया जा रहा है।

दिल्ली सरकार ने कहा हमें फख्र है कि केंद्र के हल्फ़नामे की 90% बाते पहले से दिल्ली में लागू की जा चुकी है, हम मेट्रो और बसों की संख्या को बढ़ाएंगे, कोर्ट वर्क फ्रॉम का आदेश दिए गए हैं।

चीफ जस्टिस ने कहा कि टीवी डिबेट दूसरों से ज़्यादा प्रदूषण फैला रही है, सबका अपना एजेंडा है। उन्हें मुद्दों की समझ नहीं है।

हरियाणा सरकार ने कहा कि मुख्य सचिव और डीएम ने कहा है कि दो हफ्ते तक पराली नहीं जलाई जाएगी।

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि गरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत झज्जर के DC को WFH का आदेश दिया गया था, उसका क्या हुआ?

हरियाणा सरकार ने कहा कि कोर्ट जो आदेश देगा उसका पालन कराया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा पराली के मुद्दे पर आपके हलफ़नामे में कुछ भी नहीं कहा गया है।

यूपी सरकार के तरफ से कोर्ट में कहा गया है कि जो बाकी राज्य कदम उठाएंगे वह हम भी उठा लेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कई ऐसे लोकलिटी है, जहां सरकारी कर्मचारी रहते हैं। क्या ऐसा नहीं हो सकता कि उनके लिए सामूहिक सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था नहीं हो सकती। इससे अलग-अलग गाड़ियों को लेकर चलने की बाध्यता खत्म होगी।


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