September 22, 2024

दून की इन तीन सीटों की जीत-हार तय करेगी प्रदेश की राजनीति की दशा और दिशा

देहरादून। सोमवार को उत्तराखण्ड की सभी 70 बिधानसभा के लिए चुनाव सम्पन्न हो गया है। इसी के साथ चुनाव मैदान में खड़े 632 उम्मीदवारों को भाग्य इवीएम मशीन में कैद हो गया है। अगले महीने की 10 तारीख को इन उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला हो गया है।

चुनाव आयोग के आंकड़ो की बात करे तो देहरादून जिले में कुल 10 विधानसभा सीटों 62.24 प्रतिशत मतदान हुआ। जिसमें सबसे ज्यादा मत प्रतिशत विकासनगर विधान सभा के नाम रहा। यहां से सत्ताधारी दल के उम्मीदवार मुन्ना सिंह चौहान और कांग्रेस के नवप्रभात उम्मीदवार हैं। वहीं सबसे कम मतदान प्रतिशत 56.02 प्रतिशत रहा। यहां से भाजपा की उम्मीदवार सविता कपूर हैं वहीं कांग्रेस से यहां सूर्यकांत धस्माना चुनाव मैदान में है।

मत-प्रतिशत के आधार पर उम्मीदवारों के समर्थक और जानकारों का जीत-हार को लेकर अपने-अपने तर्क और दावे है। लेकिन दून की तीन विधानसभा इस डोईवाला, देहरादून कैंट और सहसपुर विधानसभा की खासी चचाओं में है। ये विधानसभा सीटें परम्परागत तौर पर बीजेपी की मानी जाती हैं। लेकिन इस विधानसभा चुनाव में जीत-हार प्रदेश की राजनीति की दिशा और दशा तय करेगी।

सहसपुर विधानसभा

सहसपुर विधानसभा की सीट की बात करें तो यहां पर दो बार से भाजपा नेता सहदेव सिंह पुण्डीर विधायक हैं। और इस बार वे विधायकी के हैट्रिक की ओर हैं। वहीं उनके सामने कांग्रेस उम्मीदवार आर्येन्द्र शर्मा हैं। आर्येन्द्र शर्मा बड़े नेता माने जाते हैं जो राजनीतिक और प्रशासनिक तौर पर दक्ष माने जाते हैं। वे पूर्व सीएम स्व० नारायण दत्त तिवारी के ओएसडी भी रहे हैं। वे सहसपुर से तीसरी मर्तबा चुनाव मैदान में है। इस बार माना जा रहा है कि क्षेत्र में सत्ताविरोधी लहर और क्षेत्र में कांग्रेस एकजुटता के चलते वे विधानसभा पहुंचने में कामयाब हो सकते हैं।

कैंट विधानसभा

वहीं दूसरी सीट कैंट विधानसभा की चर्चा है। यहां से भाजपा की उम्मीदवार सविता कपूर हैं। सविता कपूर पूर्व स्पीकर और कैबिनेट मंत्री स्व० हरबंश कपूर की धर्मपत्नी है। हरबंश कपूर दो बार से कैंट के विधायक रहे हैं। उनके निधन के बाद भाजपा ने सविता कपूर को चुनाव मैदान में उतारा है। उनके सामने कांग्रेस से सूर्यकांत धस्माना है। सूर्यकांत धस्माना की प्रदेश में एक जननेता की पहचान हैं। उन्हें जनहितों के लिए िहमेशा सड़कों में संघर्ष करते हुए देखा जा सकता है। इसके साथ ही उनकी पहचान एक बुद्धिजीवी नेता के तौर पर भी जिनके पास प्रदेश और क्षेत्र के विकास के लिए एक विजन भी है। कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना तीसरे दफा कैंट से चुनाव मैदान में हैं।

डोईवाला विधानसभा

इसके अलावा तीसरी विधानसभा क्षेत्र डोईवाला है जिसकी प्रदेश और क्षेत्र में सबसे ज्यादा चर्चा है। यहां से भाजपा नेता पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक और पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत विधायक रहे हैं। इस मर्तबा पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र चुनाव मैदान में नहीं उतरे। जिसके बाद पार्टी ने त्रिवेन्द्र के करीबी बृजभूषण गैरोला को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट को जीतना अब भाजपा और पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र की नाक का सवाल हो गया है। यहां पर कांग्रेस ने युवा चेहरा गौरव चौधरी को मैदान में उतारा है। लेकिन भाजपा उम्मीदवार को सबसे ज्यादा चुनौती पार्टी के ही बागी पूर्व जिलाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह नेगी से मिल रही है। निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे जितेन्द्र नेगी चुनावी मामलों का बड़ा रणनीतिकार माना जाता है। वहीं क्षेत्र में उनकी जननेता की पहचान है।


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