September 22, 2024

फिर पंजाब के किसानों ने मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर लगाया पक्का मोर्चा, अबकी बार आप सरकार के खिलाफ

पंजाब के किसानों ने एकबार फिर मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर पक्का मोर्चा लगा दिया। किसान मोहाली के वाईपीएस चौक पर ट्रैक्टर-ट्रालियों पर रसद और लंगर का सारा सामान लेकर पहुंचे हैं। साथ ही किसानों ने आज अपनी मांगें नहीं माने जाने पर चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने का ऐलान भी कर दिया है।

 

पंजाब के किसान राशन, बिस्तर, पंखे, बर्तन और रसोई गैस सिलेंडर लेकर चंडीगढ़ के पास धरने पर बैठ गए। राज्य की राजधानी जाने से रोके जाने के बाद आप सरकार पर गेहूं पर बोनस और 10 जून से धान की बुवाई शुरू करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर दबाव बना रहे हैं।

पंजाब सरकार को एक अल्टीमेटम में किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री भगवंत मान बुधवार तक प्रदर्शनकारियों के साथ उनकी शिकायतों के निवारण के लिए बैठक नहीं करते हैं, तो वे बैरिकेड्स तोड़ते हुए चंडीगढ़ की ओर बढ़ेंगे।

केंद्र शासित प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर कई किसान संगठनों के अनिश्चितकालीन विरोध के आह्वान के मद्देनजर चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। किसानों को चंडीगढ़ में प्रवेश करने से रोकने के लिए मोहाली पुलिस ने बैरिकेड्स और टिपर और वाटर कैनन लगा दिए। चंडीगढ़ पुलिस ने भी इसी तरह के सुरक्षा इंतजाम किए थे।

 

कई किसान संघों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर साल भर के आंदोलन की तर्ज पर चंडीगढ़ में अनिश्चितकालीन विरोध का आह्वान किया था।

अन्य के अलावा, किसान अभूतपूर्व गर्मी की स्थिति के कारण उपज में गिरावट का हवाला देते हुए प्रत्येक क्विंटल गेहूं पर 500 रुपये का बोनस चाहते हैं। वे चाहते हैं कि सरकार उन्हें 10 जून से धान की बुवाई करने की अनुमति दे। वे मक्का और मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए अधिसूचना जारी करना और बासमती के लिए 4,500 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी तय करना चाहते हैं।

प्रदर्शनकारियों ने सहकारी समितियों से कर्ज लेने वाले किसानों के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने और 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने की भी मांग की है।


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