September 22, 2024

हमारे फोन के बाद कही इंटरव्यू नहीं होता, लैटर आफ अप्वांटमेंट सीधे मिलता है !

देहरादून। इन दिनों सोशल मीडिया में बालीबुड अभिनेता राजकुमार का एक डायलॉग बड़ा वायरल हो रहा है। इसमें अभिनेता राजकुमार कहता है कि ‘हमारे फोन के बाद कही इंटरव्यू नहीं होता है। लैटर आफ अप्वांटमेंट सीधे मिलता है।’ सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का खुलासा होने के बाद उत्तराखण्ड के नौजवान इसे शेयर कर रहे हैं।

उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर हुए भर्ती घोटालों ने होनहार युवाओं को निराश किया है। एक तरफ, राज्य के अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और भ्रष्टाचार सामने आया है। दूसरी ओर, विधानसभा में हुई भर्तियों में भी भारी भ्रष्टाचार और घोटाला सामने आया है। जिसके तहत नेताओं के रिश्तेदारों और संबंधियों को बड़ी संख्या में पद बांटे गए। इन घोटालों की जांच में नेता, पुलिसकर्मी, सचिवालय के कर्मचारी, आउटसोर्सिंग कंपनी के कर्मचारी, कुछ युवा, कोर्ट के कर्मचारी और कोचिंग सेंटर से जुड़े लोगों की संलिप्तता सामने आई है।

अब सरकार ने की ये कार्रवाई

यूकेएसएसएसी पेपर लीक मामले में प्रदेश सरकार ने एसटीएफ की जांच जारी है। अभी तक इस मामले में एसटीएफ ने तकरीबन 32 लोगों को हिरासत में लिया है। आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई अमल में लाई गई है। लेकिन जिम्मेदार आयोग से अभी तक एसटीएफ ने कोई पूछताछ नहीं की है। हालांकि आयोग के अध्यक्ष रहे एस० राजू ने अपने पद से इस्तीफा सौंप दिया है। और आयोग के संतोष बडोनी को सरकार ने तबादला कर दिया था लेकिन बढ़ते दबाव के बाद अब सरकार ने सचिव संतोष बडोनी को निलम्बित कर दिया है। विपक्ष और बेरोजगार संगठन भर्ती घोटालों की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में सीबीआई से जांच कराने की मांग पर अड़े हैं।

विधान सभा बैकडोर भर्ती पर बैठी जांच

उधर विधानसभा में बैकडोर से हुई भर्ती मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की किरकिरी हुई है। इस मामले में पक्ष और विपक्ष दोनों ही हमाम में नंगे नजर आये। फिलहाल इस मामले की जांच के लिए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने जांच बैठा दी है। लेकिन सामाजिक संगठन इस जांच समिति के गठन पर भी सवालिया निशान लगा रहे हैं। सामाजिक संगठनों का कहना है कि बिना पावर के ये कमेटी इस भर्ती धांधली में रसूखदार पूर्व के विधानसभा अध्यक्षों से कैसे पूछताछ कर पा पायेगी।

मंत्रियों के दामन पर पड़े नियमों के उल्लंघन के छींटे

सोशल मीडिया में मंत्रियों द्वारा नियमों का उल्लंघन कर सीधे नियुक्ति आदेश जारी किये जाने वाले दस्तावेज भी जारी हो रहे हैं। एक मंत्री ने तो बिहार के अपने नाते रिश्तेदारों की नौकरियां शिक्षण संस्थानों में लगवा दीं थी। सहकारिता विभाग में हुयी नियुक्तियों के खिलाफ भी बवाल हुआ मगर जांच नहीं हुयी। एक मंत्री ने कुछ लोगों की सीधी नियुक्ति के आदेश तक जारी कर दिये। उस मंत्री से इसीलिये सचिवों की निभी नहीं।

वन दरोगा भर्ती में भी अब रिपोर्ट दर्ज

वन दरोगा ऑनलाइन 2021 परीक्षा में की जांच भी एसटीएफ को सौंप दी गई है। उत्तराखंड एसटीएफ ने परीक्षा में धांधली की पुष्टि होने पर वन दरोगा ऑनलाइन 2021 परीक्षा में रविवार को केस दर्ज किया है

वन दरोगा के पदों पर भर्ती परीक्षा पिछले साल 16 सितम्बर से 25 सितम्बर21 के बीच 18 शिफ्टों में ऑनलाइन आयोजित हुई थी। जिसमे कुल 316 पदो के लिए रिक्तियां थी। इस परीक्षा में भी अनियमितता और कुछ छात्रों द्वारा अनुचित साधनों के प्रयोग की एसटीएफ/साइबर द्वारा जांच बाद पुष्टि हुई है।

सरकार के सामने बड़ी चुनौती

विधानसभा की सीधी भर्तियों में भी मंत्रियों, भाजपा के नेताओं और यहां तक कि आरएसएस के नेताओं और मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत लोगों के नाम भी आ रहे हैं। इसलिये बदनामी के छींटे सारे सत्ताधारी प्रतिष्ठान पर पड़ रहे हैं। पिछले 6 सालों में भाजपा की सरकारों के कार्यकाल में न तो पहले इतना बवंडर उठा था और ना ही सत्ता पक्ष की इतनी बदनामी हुयी थी। इसलिये 2024 के लोक सभा चुनाव के आलोक में केवल दो पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ही नहीं बल्कि कई मंत्री भी संकट में नजर आ रहे हैं।


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