धामी सरकार की ढाल बने ये सांसद, खनन कारोबारियों नेे किया त्रिवेन्द्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

देहरादून। भाजपा सांसद त्रिवेन्द्र के संसद में दिये अवैध खनन के बयान पर धामी सरकार असहज है। प्रदेश में अवैध खनन को लेकर धामी सरकार अब विपक्षियों के निशाने पर है। खनन सचिव ब्रजेश कुमार संत के बाद प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट और राज्य सभा सांसद नरेश बंसल ढाल बनकर उतरे हैं। हालांकि इन दोनों नेताओं ने पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की अलबता कहा कि प्रदेश में धामी सरकार ने खनन से रिकॉर्ड राजस्व जुटाकर अपनी नीतियों की सफलता साबित की है। इससे जाहिर होता है कि प्रदेश में अवैध खनन पर रोक लगी है।
इधर भाजपा के सांसद त्रिवेन्द्र रावत के अवैध खनन के बयान पर धामी सरकार लगातार विपक्षियों के निशाने पर आ गई है। प्रदेश में अवैध खनन के मुद्दे पर विपक्षी कांग्रेस ने भी राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि भाजपा सांसद के बयान ने प्रदेश में खनन माफिया राज के आरोपों पर मुहर लगा दी है।
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि अब यह बात पुख्ता हो गयी है कि कांग्रेस द्वारा प्रदेश में अवैध खनन के बारे में लंबे समय से जाहिर की जा रही चिंताएं सही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार से खनन पर श्वेत पत्र जारी कर स्थिति स्पष्ट करने की भी मांग की।
खनन कारोबारियों ने त्रिवेन्द्र का पुतला जलाया
रविवार शाम खनन कारोबारियों ने पिरूमदारा के किसान इंटर कॉलेज में एकत्रित होकर जुलूस निकाला, इसके बाद वे पीरूमदारा चौराहे पहुंचे, जहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का पुतला जलाया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वर्तमान में खनन का कार्य पूरी तरह से सही तरीके से चल रहा है और इससे न केवल खनन उद्योग बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है। प्रदर्शन कर रहे कारोबारियों का कहना था कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस बयान से न केवल खनन व्यापार को नुकसान होगा बल्कि सरकार का राजस्व भी प्रभावित होगा।