पंजाब निकाय चुनावों में कांग्रेस की ‘एकतरफा’ जीत और बीजेपी के ‘फिसड्डी शो’ के पीछे का ये रहा कारण
चंडीगढ़/देहरादून: पंजाब निकाय चुनावों के नतीजों ने कांग्रेस को जीत का सहरा पहना दिया है। कांग्रेस ने सभी सातों नगर निगम अपने खाते में की है। वहीं बीजेपी को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। सीटों के मामले में बीजेपी चौथे स्थान पर रही। वहीं अकाली दल और आम आदमी पार्टी क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान में रही।
कस्बों और शहरों के स्थानीय मुद्दे भी चुनाव प्रचार के दौरान हावी रहे थे। सात नगर निगमों अबोहर, बठिंडा, बटाला, कपूरथला, होशियारपुर, पठानकोट और मोगा और 109 नगरपालिका परिषदों और नगर पंचायतों के लिए काउंटिंग हुई। 2,302 वार्डों के लिए कुल 9,222 उम्मीदवार मैदान में थे।
इस एकतरफा जीत में, कांग्रेस ने अबोहर में 50 वार्ड में से 49 पर जीत हासिल की, जबकि शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने एक जीता। होशियारपुर के 50 वार्ड में से, कांग्रेस ने 31 वार्ड जीते। बीजेपी ने चार वार्ड जीते, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने दो जीते। हालांकि, अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने कोई वार्ड नहीं जीता।
मोगा में, कांग्रेस ने 50 वार्ड में से 20 जीते, जबकि अकाली दल न 15 के साथ दूसरे स्थान पर रही। निर्दलीय उम्मीदवारों ने 10 वार्ड जीते, जबकि आप और बीजेपी ने क्रमश: चार और एक वार्ड जीते। भवानीगढ़ नगरपालिका परिषद में, कांग्रेस ने 15 में से 13 सीटें जीतीं, जबकि अकाली दल और निर्दलीय ने एक-एक सीट जीती। बीजेपी और आप किसी भी सीट को हासिल करने में कामयाब नहीं रहे।
पंजाब में हुए इन निकाय चुनावों के नतीजों ने जिस तरह से कांग्रेस को एकतरफा जीत और भाजपा को हार की सौगात दी है, उसे कई लोग कृषि कानूनों में बदलाव को मान रहे हैं। पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसान पिछले 84 दिनों से कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा मामले में भी पंजाब के कई लोग अभी तक जेल में हैं। निकाय चुनाव के नतीजों में इन सभी चीजों को जोड़ो जा रहा है।
पंजाब में 14 फरवरी को 9,15,280 मतदाताओं के साथ 71.39 प्रतिशत मतदान हुआ था। अब जब चुनाव नतीजे आ गए हैं तो कांग्रेस पार्टी और कार्यकर्ताओं को जीत के जश्न मनाने का मौका मिल गया है।