जौनसार बावर में पारंपरिक ज्ञान और विज्ञान पर तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ

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साहिया। जौनसार बावर क्षेत्र के पारंपरिक ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विरासत को संरक्षित और दस्तावेजीकृत करने के उद्देश्य से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आज शुभारंभ हुआ। यह कार्यशाला एस.एम.आर. जनजातीय (पी.जी.) कॉलेज, साहिया में आयोजित की जा रही है। कार्यक्रम का आयोजन रिपब्लिक फाउंडेशन सोसायटी उत्तराखंड द्वारा उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST) के सहयोग से किया गया है।

कार्यशाला का उद्घाटन रिपब्लिक फाउंडेशन समिति के अध्यक्ष शक्ति सिंह बर्त्वाल ने किया। उन्होंने प्रतिभागियों को जौनसार बावर की समृद्ध सांस्कृतिक और वैज्ञानिक धरोहर के संरक्षण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस क्षेत्र के पारंपरिक ज्ञान और विज्ञान को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के महत्व पर जोर दिया।

25 जनवरी को कार्यशाला में पद्मश्री प्रेमचंद शर्मा, डॉ. नंदलाल भारती, श्री महाबल सिंह नेगी और श्री अमर सिंह चौहान जैसे प्रतिष्ठित अतिथि अपने विचार और अनुभव साझा करेंगे। इन विशेषज्ञों के सत्र पारंपरिक कृषि, सांस्कृतिक धरोहर, बागवानी तकनीक और जड़ी-बूटियों के महत्व पर केंद्रित होंगे।

कार्यक्रम आयोजन सचिव डॉ. शचि नेगी ने बताया कि कार्यशाला में स्थानीय युवाओं, छात्र-छात्राओं और पारंपरिक ज्ञान में रुचि रखने वाले अन्य प्रतिभागियों ने भाग लिया। डॉ. रीना रांगड़ ने जानकारी दी कि पंजीकरण प्रक्रिया कार्यशाला के दौरान भी जारी रहेगी। पंजीकृत प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।

यह कार्यशाला 26 जनवरी तक चलेगी और पारंपरिक धरोहर के संरक्षण के लिए आवश्यक कौशल और जानकारी प्रदान करेगी। इस मौके पर डॉ. रीना रागढ़ ,रिंकू दास भारती, सुश्री आशा,पूनम चौहान ,नेशनल जियोग्राफी के फोटोग्राफर पवन नेगी गंभीर चौहान मुकेश तोमर आदि मौजूद रहे।

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