त्रिस्तरीय पंचायत चुनावः राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, दो से अधिक बच्चे वाले भी लड सकते है चुनाव

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दिल्ली, देहरादून। पंचायत राज संशोधन अधिनियम को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई विशेष अनुमति याचिका पर आज सुनवाई हुई। कोर्ट की सुनवाई से राज्य सरकार को बडा झटका लगा है। सरकार को उम्मीद थी कि राज्य के अधिकारियों ने जो कानून का मसौदा पंचायत चुनाव के लिए तैयार किया है वह सही और संवैधानिक है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में सब साफ हो गया कि उत्तराखंड सरकार का यह फैसला एक तरफा होने के साथ-साथ संवैधानिक भी नहीं था। जिससे इस प्रकार की स्थिति पैदा हुयी है।उक्त प्रकरण पर हुयी सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत

वहीं तीन बच्चे वालों के चुनाव लड़ने पर रोक संबंधी हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली डबल बेंच ने तत्काल सुनवाई से इनकार किया है। अब फिलहाल इसी नियम के अनुसार चुनाव प्रक्रिया जारी रहेगी। जिससे साफ है कि अब दो से अधिक बच्चे वाले प्रत्याशियों को चुनाव मैदान से बाहर करना सरकार के बूते की बात नही रह गयी है। बता दें कि गुरुवार को हाईकोर्ट ने 25 जुलाई 2019 से पहले दो बच्चों से अधिक वाले ग्राम पंचायत प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिए योग्य करार दिया था। इस फैसले के विरुद्ध राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी।

उधर राज्य सरकार के संसोधन के फेल होने से राजनीति भी गर्म हो गयी है। दरसल बीजेपी ने जिस आधार पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की अब वही हथियार सरकार के गले की फास बन गया है। सरकार की समझ में नहीं आ रहा है कि अब कैसे पुराने कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया जाए।

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