प्रशिक्षणः औषधीय एवं सगंध पादप संस्थान गैरसैंण द्वारा देवाल विकासखंड में काश्तकारों को दिया प्रशिक्षण
देवालः औषधीय एवं सगंध पादप संस्थान वीर चंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय मेहलचैरी गगैरसैंण द्वारा देवाल विकासखंड के काश्तकारों को शीतोष्ण फलों के उत्पादन का प्रशिक्षण दिया। संस्थान द्वारा ग्राम पंचायत देवल/हिमनी के काश्तकारों को प्रशिक्षित किया गया। इस दौरान कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को शीतोष्ण फलों की पैदावार से संबंधित जानकारी दी।
प्रशिक्षण शिविर में ग्राम सभा के सभी किसानों ने प्रतिभाग किया। इस मौके पर काश्तकारों को सेब के पेड उगाने के लिए जगह के चयन से संबंधित जानकारी दी गई। इसके उपरांत काश्तकारों को सेब के पेड़ की रोपाई की तकनीक के बारे में जानकारी दी गई। प्रशिक्षण शिविर में काश्तकारों को पेड़ों की कटाई-छंटाई की बारीकी से जानकारी दी गई साथ ही पेड़ों पर कलम लगाने के तरीके भी बताये गये। प्रशिक्षण शिवर में संस्थान से आये विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों द्वारा काश्तकारों को दवाईयों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी और उनके प्रयोग कर काश्तकारों को बताया कि कब कौनसी दवाई पेड़ों के लिए कारगर होगी। वहीं प्रशिक्षण के दौरान तय किया गया कि स्थलीय निरीक्षण कर काश्तकारों को प्रशिक्षण दिया जायेगा।
इस अवसर पर संस्थान के यशवंत बिष्ट, अमरीश सिंह बिष्ट, लोकपाल सिंह नेगी और पुष्कर सिंह बिष्ट ने काश्तकारों को प्रशिक्षण दिया। वहीं इस मौके पर ग्राम सभा देवाल हिमनी के कई काश्तकारों ने शीतोष्ण फलों के उत्पादन का प्रशिक्षण लिया। वहीं काश्तकारों का कहना था कि इस प्रकार के प्रशिक्षण से काश्तकारों को विभिन्न प्रकार के फलों के उत्पादन में मदद मिलेगी।