November 12, 2024

ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करने पर नहीं मिलेगी सजा, कई प्रावधानों को हटाने की बन रही योजना

indian railway

भारतीय रेलवे कई छोटे अपराधों के लिए कारावास के प्रावधानों को हटाने की योजना बना रहा है। इसमें बिना टिकट यात्रा करना या पायदान पर सवारी करने पर केवल जुर्माने का प्रावधान किया जाएगा। इसके लिए कारावास के प्रावधान को हटाया जा सकता है। 

अदालतों पर मामलों का बोझ कम करने के लिए केंद्र सरकार कई सारे भारतीय कानूनों और प्रावधानों को हटाने का विचार कर रही है। इसमें रेलवे अधिनियम 1989 के अंतर्गत एक अवैध गतिविधि के रूप में भीख मांगने जैसे अपराधों को हटाना भी शामिल किया गया है।
योजना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया है कि मंत्रालय ने अब कानून के सभी प्रावधानों की व्यापक समीक्षा शुरू कर दी है और यह संभव है कि मामूली उल्लंघनों के खिलाफ मुकदमा चलाना आसान हो।

भारतीय रेलवे नेटवर्क के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसी, रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा कि कैबिनेट सचिव ने सभी मंत्रालयों से ऐसे छोटे अपराधों की समीक्षा करने को कहा था। हम मंत्रालय के लिए मौजूदा कानूनों की समीक्षा करने की प्रक्रिया में हैं।

फिलहाल संदिग्धों पर कार्रवाई का जिम्मा गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) को सौंपा जाता है, जो अपराध की जांच और मुकदमा चलाती है। ट्रेनों और रेलवे परिसर में यात्रियों और उनके सामान की सुरक्षा आरपीएफ और जीआरपी की साझा जिम्मेदारी है। मामूली अपराधों के लिए गिरफ्तारी और अभियोजन की जिम्मेदारी आरपीएफ के पास होती है।

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने एक जून को सभी मंत्रालयों और विभागों को एक पत्र में समीक्षा के लिए कहा था। वर्तमान में, ट्रेन, रेलवे स्टेशन या रेलवे की संपत्ति पर अपराध करते समय जुर्माना, कारावास या दोनों का प्रावधान है।
 
जिन अपराधों में अब जेल की अवधि शामिल नहीं होगी उनमें बिना किसी कारण के अलार्म चेन को खींचना, बिना प्राधिकरण के यात्रा करना, आरक्षित कोच में यात्रा करना और या वहां से गुजरना शामिल है। अधिकारियों के अनुसार, अधिनियम के तहत 16 वर्गों को हटाने के लिए पहचाना गया है।