त्रिवेन्द्र सरकार का नौजवानों को तोहफा, अधिकतम आयु सीमा में दी छह माह की छूट
देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सरकारी नौकरियों में अधिकतम आयु सीमा को बढ़ा दिया है। त्रिवेन्द्र सरकार के इस फैसले से उन लाखों नौजवानों को फायदा होगा, जो सरकारी नौकरी के लिए अधिकतम आयु सीमा पूरी कर चुके हैं। गौरतलब है कि उत्तराखण्ड में सरकारी नौकरी के लिए आवेदक की अधिकतम आयु सीमा 42 वर्ष थी। जिसे त्रिवेन्द्र सरकार ने 6 महीने और बढ़ा दिया है।
कोरोना के चलते देशव्यापी लॉकडाउन में अधिकांश गतिविधियां ठप रही। सरकारी नौकरियों में आवेदन के अवसर भी इस अवधि में युवाओं को नहीं मिल पाये थे। इस दौरान हजारों नौजवान सरकारी नौकरियों में आवेदन के लिए निर्धारित आयु सीमा भी पार गए थे। जिससे प्रदेश के लाखों युवाओं का सरकारी नौकरी पाने का सपना चकनाचूर हो रहा था। नौजवानों को अपना भविष्य अधर में लटका नजर आ रहा था। लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के इस फैसले से प्रदेश के उन लाखों नौजवानों में सरकारी नौकरी पाने एक उम्मीद जगी है जो निर्धारित अधिकतम आयु सीमा पूरी कर गये थे।
यदि लॉकडाउन नहीं होता तो इन युवाओं को भी आवेदन के अवसर मिल जाते। युवाओं के भविष्य को प्रभावित करने वाले इस मसले को सीएम त्रिवेंद्र रावत ने समझा और ओवरएज हो चुके अभ्यर्थियों को बड़ी राहत पहुंचाई। अब सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने की अधिकतम आयुसीमा (42 वर्ष) में छह माह की छूट दी गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फाइल पर अनुमोदन दे दिया है। अब कार्मिक विभाग इसका शासनादेश जारी करेगा।
त्रिवेन्द्र सरकार के इस फैसले पर युवाओं की सोशल मीडिया में भारी तादाद में प्रतिक्रिया आ रही है। सोशल मीडिया के जरिये युवाओं ने इस फैसले को युवा एवं जनहितैषी फैसला बताया है। और त्रिवेन्द्र सिंह रावत का आभार जता रहे है।